Azamgarh:गुरुवार को गुरु पूर्णिमा पर परिवार गोष्ठी का आयोजन हुआ संपन्न
तहसील संवाददाता सत्येन्द्र सिंह
लालगंज आजमगढ़ स्थानीय विकास खंड के मई खरगपुर गांव स्थित आत्म अनुसंधान आश्रम परिसर के जया -विजया हाल में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा पर परिवार गोष्ठी आयोजित की गयी ।परम पूज्य बाबा विशाल भारत जी ने परिवार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अपने आर्शीवचन मे कहा कि गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अपने जन्मदायिनी माता- पिता को प्रणाम करता हूं उनका अधिकार है मेरा धर्म व कर्तब्य बनता है। राजराजेश्वरी मणी दीपेश्वरी को प्रणाम करता हूं। जो भी इसके अधिकारी है । जिनसे भी मैंने कुछ सीखा है उन सभी को प्रणाम निवेदित करता हूं । अपने 59 वे वर्ष की गुरु पूर्णिमा पर उन्होंने कहा कि जन्म से मृत्यु के बीच की यात्रा को जीवन कहते है । जीवन जीने के लिए संबंध व सत्य दोनों बहुत ही जरूरी है । सत्य को ईश्वर भी कहा गया है । मेरे जीवन के 58 वे वर्ष की गुरू पूर्णिमा महत्वपूर्ण थी, है व रहेगी । मेरी लोक यात्रा का प्रारंभ भी गुरुवार को हुआ है । प्रतिपदा से पूर्णिया तक 15 दिवसीय यज्ञ का आयोजन किया गया जिसका प्रारंभ भी गुरुवार को व समापन (पूर्णाहुति ) भी गुरुवार को हुआ। गुरु पूर्णिमा भी गुरुवार को , वर्ष में चार नवरात्र जिसमे दो गुप्त नवरात्र माघ व असाढ मे आता है। धरती का नियम है सत्य से प्रमाण मांगा जाता है ।मिथ्या से प्रमाण नहीं मांगा जाता । पुष्टी बराबर सत्य से की जाती है । मैं किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नहीं निकला था, मैं तो सहयोग के लिए चला था । मनुष्यों को ज्ञानी होने का भ्रम है । गुरु एक गुण धर्म होता है। जैसे जाती जन्मना हो गई वैसे गुरु जन्मना हो गए । धरती को देखकर कैसे कहूं कि गुरु है । जितना भी युद्ध हुआ है श्रेष्ठता को लेकर हुआ। आत्म अनुसंधान परिसर मई खरगपुर मे प्रतिपदा से पूर्णिमा तक यज्ञ कराया जा रहा था।जिससे प्रदूषण व विकृति समाप्त हो कुछ ऊर्जा उत्पन्न हो। हम ऊर्जा पैदाकर विकृति व प्रदूषण समाप्त करने का प्रयास कर रहा हूं । हमारे सहयोगी महिला- पुरुष जो हमारे साथ रह रहे अपनी वाणी ,आचरण व व्यवहार से किसी की प्रशंसा, ईर्ष्या में अपनी ऊर्जा व्यय कर रहे हैं जिससे विकृति व प्रदूषण हो रहा है । मेरे प्रयास का जो परिणाम आना चाहिए नहीं आ रहा है । मैं आलोचना नहीं कर रहा हूं आपका ध्यान ले जाना चाहता हूं । आश्रम में आए हैं तो कुछ सीखने का प्रयास करेंगे । जो करता हूं उसमें सब का सहयोग होता है आप शांत रहें स्थान की मर्यादा होती है। गोष्ठी देर रात्रि तक चली । जिसके बाद श्रध्दालुओ ने परिसर मे स्थापित महातत्व राजराजेश्वरी मणी दीपेश्वरी , मां महाकाली जी , मां महालक्ष्मी जी , मां महासरस्वती जी , गोरक्षनाथ जी ,अधोरेश्वर महाप्रभु जी , कुण्ड मे बने मदिर मां भगवती जी की आरती पूजन पूजन व परिक्रमा कर श्रध्दालुओ ने मनोकामना पूर्ण होने की कामना किया।इस अवसर पर दिवाकर राय,आचार्य सर्वेश , बी एन सिंह,सन्तोष कुमार पाठक,अनिल भूषण, देवेन्द्र सिंह,रामाधीन सिंह, राहुल जायसवाल,प्रकाश, ध्रुव सिंह,आलोक सिंह, तहसीलदार सिंह , ऋषिकांत राय,वेद प्रकाश श्रीवास्तव,डा0 पूनम तिवारी, डा शरद कुमार मिश्र,विद्या भूषण कुमार, श्रेयांश सेगर,कमला सिंह, शिखा सिंह,एल वी सिंह , राजेन्द्र सिंह खन्ना , रामाशीष सिंह गुड्डू , बलवन्त सिंह,कृष्ण मुरारी, रमेश विश्वकर्मा सहित अन्य भक्तगण उपस्थित रहे । आरती के उपरांत देर रात्रि भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।परिवार गोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ दिनेश तिवारी ने मंगलाचरण से किया।संचालन पूर्व प्रधानाचार्य रामनयन सिंह ने किया ।