खलीलाबाद में ‘कल की ओर’ पत्रिका का भव्य विमोचन समारोह संपन्न, शैक्षिक रचनात्मकता को मिला नया मंच
Grand launch ceremony of 'Kal Ki Or' magazine concluded in Khalilabad, educational creativity gets a new platform
खलीलाबाद, संत कबीर नगर :संत कबीर नगर जनपद के खलीलाबाद स्थित डायट परिसर में शिक्षा और रचनात्मकता को समर्पित एक ऐतिहासिक पल उस समय साक्षी बना, जब बहुप्रतीक्षित ‘कल की ओर’ पत्रिका के प्रथम अंक का भव्य विमोचन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर डायट के प्राचार्य श्री धीरेन्द्र त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने विधिवत रूप से पत्रिका का लोकार्पण किया।प्राचार्य श्री त्रिपाठी ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि, “विद्यालय की पत्रिकाएं विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सृजनात्मकता को एक सकारात्मक मंच प्रदान करती हैं। ये प्रयास शिक्षा जगत में नवाचार और अभिव्यक्ति की दिशा में अत्यंत सराहनीय हैं।” उन्होंने विद्यालयी जीवन में लेखन, कला और विचारशीलता को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला अध्यक्ष श्री नवीन त्रिपाठी ने की, जबकि मंच संचालन का उत्तरदायित्व कुशलता से श्री दिनेश शुक्ला ने निभाया। दोनों ने इस पत्रिका के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय बताया।इस अवसर पर दिल्ली से जुड़ते हुए आईटी क्षेत्र के प्रसिद्ध कारोबारी श्री विनोद शंकर दुबे ने वर्चुअल माध्यम से सभी को पत्रिका के विमोचन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज को दिशा देने वाली असली शक्ति है, और इस दिशा में वे अपने सतत सहयोग के संकल्प को दोहराते हैं।विमोचन समारोह में क्षेत्र की कई जानी-मानी शैक्षिक हस्तियों ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें कंपोजिट स्कूल महुली की प्रधानाध्यापिका श्रीमती नुसरत परवीन, श्री जय प्रकाश दास, श्रीमती रजनी यादव, डॉ. जय प्रकाश मिश्रा, श्री हरिकेश यादव, श्रीमती अनीता जय सिंह, श्री मतलूब आलम, श्री सुनील कुमार वर्मा समेत सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।समारोह के अंत में ‘कल की ओर’ पत्रिका के संपादक श्री रुपेश कुमार पाण्डेय ने सभी विशिष्ट अतिथियों, शिक्षकगण और प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका न केवल एक दस्तावेज है, बल्कि यह विद्यार्थियों और शिक्षकों के साझा सपनों का जीवंत प्रतिबिंब है।कार्यक्रम के सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि शैक्षिक संस्थान जब रचनात्मकता और सहयोग की भावना से जुड़ते हैं, तो वह न केवल ज्ञान का प्रसार करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सशक्त दिशा भी प्रदान करते हैं।