UP news:मायावती ने अपने भतीजे को बनाया बसपा का नया उत्तराधिकारी आकाश आनंद को मिली 2024 के चुनाव से पहले बहुत बड़ी जिम्मेदारी
रिपोर्ट:रोशन लाल
हिंद एकता टाइम
बीएसपी की सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर वरिष्ठ सदस्यों संग बैठक के समय अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। एक ओर जहां आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इसे बसपा प्रमुख मायावती का बेहद अहम फैसला माना जा रहा है. वहीं सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
इस घोषणा के बाद एक तरफ जहां बसपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं में खुशी की लहर दौड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मायावती के इस फ़ैसले पर तंज कसा है। बीजेपी ने इसे जहां मुगलिया सल्तनत की जैसा फैसला बताया है, तो वहीं सपा ने इसको परिवारवाद की पराकाष्ठा तक बता दिया है।
यूपी में पतन की ओर चल रही बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ ने मायावती के इस फैसले को लेकर कहा कि मायावती के इस फ़ैसले के बाद पार्टी में खुशी की लहर है। वहीं BJP प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि यह कदम बसपा की समाप्ति की तरफ है। उन्होंने कहा कि ‘उत्तराधिकारी परिवार में होता है, राजनीतिक दल में नहीं होता है। पार्टी का अध्यक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना जाता है। किसी उत्तराधिकार से नहीं यह राजवंशों में होता था। मुगलिया सल्तनत में होता था।
परिवारवाद में डूब गई बसपा
BJP प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने आगे कहा कि बहुजन समाज पार्टी जो मान्यवर कांशीराम ने एक मिशन के रूप में शुरू की थी। वो कमीशन में बदली और अब पूरी तरह से परिवारवाद में डूब गई और यहीं कारण भी है कि बहुजन समाज पार्टी की हालत लगातार खस्ता हुई है। पार्टी के संस्थापक सदस्य एक-एक करके पार्टी को छोड़कर चले गए और आज बहुजन समाज पार्टी ने जिस तरह से उत्तराधिकारी घोषित किया है। स्पष्ट है कि बसपा अब पूरी तरह से समाप्त होने वाली है.’
परिवारवाद की पराकाष्ठा
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘मायावती का जो परिवारवाद है। जो परिवारवाद की पराकाष्ठा है। जो केवल जो उनका मैं है।आज जो वह छुपा कर रखी थी वह जनता के सामने और उनकी पार्टी के सामने स्पष्ट हो गया है। उन्होंने उम्मीदवार घोषित किया है।यह कोई राजशाही नहीं है। लोकतंत्र में पार्टी के नेता चुनाव से चुने जाते हैं लेकिन मायावती को लोकतंत्र से कोई मतलब नहीं है।