मुंबई:लड़खड़ाने लगी है मुंबई की बेस्ट बस सेवा,बेस्ट के पास बची हैं मालिकाना हक़ की मात्र 1189 बसे
रिपोर्ट/अजय उपाध्याय
मुंबईकरों की जीवनरेखा कहे जाने वाले बेस्ट के परिवहन विभाग के बेड़े में केवल 1189 स्व-स्वामित्व वाली बसें बची हैं, जिनकी तुलना में ठेकेदारों से लीज पर ली गई निजी बसों की संख्या अधिक है। हालाँकि, ठेकेदार कर्मचारियों द्वारा कभी-कभार आंदोलन करने, निजी बसों में बार-बार खराबी आने, बसों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि आदि विभिन्न कारणों से यात्रियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए ट्रेड यूनियनों ने बेस्ट के बेड़े में स्व-स्वामित्व वाली बसों की संख्या बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है। बता दें कि
बेस्ट एंटरप्राइज एक ऐसे उद्यम के रूप में जाना जाता है जो मुंबईकरों को सस्ती परिवहन सेवाएं प्रदान करता है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों से बेस्ट का परिवहन विभाग लड़खड़ाने लगा है। परिणामस्वरूप बेस्ट को समय-समय पर मुंबई नगर निगम से सहायता लेनी पड़ती है। पिछले कुछ महीनों से बेस्ट की बसें समय पर स्टॉप पर नहीं पहुंचने से यात्रियों को परेशानी होने लगी है। इसे लेकर यात्रियों के साथ-साथ ट्रेड यूनियनों ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है.बेस्ट वर्कर्स यूनियन और नगर निगम प्रशासन के बीच 2019 में हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार बेस्ट को 7700 निजी बसें संचालित करने की अनुमति दी गई थी। साथ ही, यह भी निर्धारित किया गया कि बेस्ट के बेड़े में 3,337 स्व-स्वामित्व वाली बसें होंगी। हालाँकि, अब तक 1,764 निजी ठेकेदार बसें बेस्ट के बेड़े में प्रवेश कर चुकी हैं। हालाँकि, ठेकेदार की 1,764 बसों में से कुछ बेस्ट के डिपो में खड़ी हैं। वर्षों पहले बेस्ट के बेड़े में 4,300 स्व-स्वामित्व वाली बसें थीं। अधिकांश बसों की मियाद खत्म होने के कारण उन्हें बेड़े से वापस लेना पड़ा। आज, मुंबईकरों की सेवा के लिए 1,189 निजी स्वामित्व वाली बसें चल रही हैं। ठेकेदार द्वारा लीज पर ली गई बसों की संख्या बढ़ती जा रही है और यात्रियों को ठेकेदार के कर्मचारियों के कभी-कभी आंदोलन का खामियाजा भुगतना पड़ता है। मूल रूप से बेस्ट के बेड़े में निजी और स्व-स्वामित्व वाली बसों की संख्या बढ़ रही है। इससे यात्रियों को बस के इंतजार में बस स्टॉप पर इंतजार करना पड़ता है। इस मामले को ध्यान में रखते हुए बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने मांग की है कि यात्रियों को राहत देने के लिए बेस्ट के बेड़े में स्व-स्वामित्व वाली बसों की संख्या तुरंत बढ़ाई जानी चाहिए।