नरहेजी मां के मंदिर के पेड़ नहीं काटता कोई :मंदिर से कई गांवों के श्रद्धालुओं की जुड़ी है
रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी
बलिया।। बलिया जनपद के नगरा ब्लॉक मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर नरही गांव में स्थित नरहेजी माता के प्रति आसपास के लोगों में गहरी आस्था है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से नरहेजी माता का पुजन अर्चन कर मन्नत मांगता है। मां उसकी मुराद अवश्य पूरी करती है।वासंतिक एवं शारदीय नवरात्र में आसपास के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों के लोग मंदिर में दर्शन पुजन हेतु जरूर आते हैं। मंदिर परिसर के लगे पेड़ों को मां के डर से कोई नहीं काटता है। विशाल क्षेत्र में फैले नरहेजी माता के मंदिर परिसर के किसी भी पेड़-पौधे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। मान्यता है कि ऐसा करने पर उसे नरहेजी मां के कोप का शिकार होना पड़ता है। मंदिर परिसर में सांप, बिच्छू जैसे विषैले जीव-जंतु हैं लेकिन कोई उनसे न तो डरता है और उनको नुकसान पहुंचाता है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार मां नरहेजी की स्थापना नरही गांव में लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व नाथ संप्रदाय के संत लक्ष्मणनाथ ने की थी। वे प्रतिमा को बंगाल से लेकर आए थे। नरही गांव की स्थापना के समय संत ने ग्राम देवी के रूप में नरहेजी भवानी व ग्रामदेवता के रूप में नरसिंह भगवान की प्रतिमाएं स्थापित करवाई थीं।