माधवी राजे सिंधिया के निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर

Madhavi Raje Scindia's death in the political world wave of condolences

मध्य प्रदेश के ग्वालियर घराने की प्रतिनिधि और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता माधवी राजे सिंधिया के निधन पर राजनीतिक जगत से जुड़े लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की है।

 

 

 

 

भोपाल, 15 मई । मध्य प्रदेश के ग्वालियर घराने की प्रतिनिधि और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता माधवी राजे सिंधिया के निधन पर राजनीतिक जगत से जुड़े लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की है।

 

 

 

 

माधवी राजे सिंधिया का बुधवार को नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। उनकी पार्थिव देह को ग्वालियर लाया जाएगा।

 

 

 

 

 

उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर लिखा, “भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया के निधन का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ। मां जीवन का आधार होती हैं, इनका जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है। बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।”

 

 

 

 

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने अपने शोक संदेश में दुख व्यक्त करते हुए पुण्य आत्मा को श्रीचरणों में स्थान देने और परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति देने की ईश्वर से कामना की है।

 

 

 

 

 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा, “भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ संस्कारों से परिपूर्ण राजमाता अत्यंत विनम्र तथा व्यवहार कुशल थीं। आज वह लौकिक जगत से विदा हुई हैं, किंतु उनके स्नेह और आशीष की छांव सदैव परिजनों के साथ रहेगी।”

 

 

 

 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “राजमाता माधवी राजे सिंधिया के दुखद स्वर्गवास का समाचार सुनकर बेहद दुख हुआ। उनके हमारे पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। वे अति विनम्र, व्यवहार कुशल व्यक्तित्व की धनी थीं।”

 

 

 

 

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने माधवी राजे सिंधिया के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया और परिवार को इस वज्रपात को सहने की शक्ति दें।”

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