श्री सीताराम विवाह की कथा सुन विभोर हुए श्रद्धालु ।

जिला संवाददाता, विनय मिश्र,देवरिया।

देवरिया जनपद के ग्राम बभनौली पांडे में कथा के दौरान अयोध्या से पधारे हुए संत अशोकानंद जी महाराज ने श्री सीताराम विवाह की चर्चा करते हुए कहा कि महाराज जनक ने अपनी बेटी जानकी का विवाह धनुष यज्ञ के रूप में किया महाराज जनक का प्रण था जो भगवान शिव के धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ मैं अपनी बेटी का विवाह करूंगा धनुष यज्ञ में देश के कोने-कोने से राजा एकत्र हुए बंदी जनों ने धनुष की विशेषता उपस्थित राजाओं को सुनाई एक-एक कर प्रत्येक राजा धनुष उठाने का प्रयास की लेकिन धनुष किसी से नहीं उठा।अंत में गुरु विश्वामित्र का आदेश पाकर प्रभु श्री राम उठे और अपने गुरु समेत सभी को प्रणाम किया श्री राम ने जैसे ही धनुष स्पर्श किया धनुष टूट गया और श्री सीताराम का विवाह संपन्न हुआ। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने जय श्री राम जय सीताराम का उद्घोष किया उद्घोष से सारा पंडाल गूंज उठा ।कथा समिति के सदस्य गणेश पांडे ने अशोक आनंद जी महाराज को अंग वस्त्र और माल्यार्पण कर स्वागत किया ।कथा के दौरान प्रियांशु त्रिपाठी ,संदीप गुप्ता ,अर्जुन यादव ,अवधेश पांडे ,रामाश्रय पांडे ,पप्पू गोड़ ,अरविंद पांडे सुनील पांडे, गोलू, शिवम, अभिषेक, आनंद सहित काफी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।

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