गाजा में युद्ध विराम समझौता लागू होने की ब्लिंकन को उम्मीद

Blinken expects ceasefire agreement in Gaza to be implemented

यरूशलेम: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि गाजा संघर्ष में युद्ध विराम के प्रस्ताव का हमास द्वारा स्वागत करना एक अच्छा संकेत है।

 

 

 

 

 

इजरायल के कान टीवी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लिंकन ने यह टिप्पणी हमास के वरिष्ठ प्रवक्ता सामी अबू जुहरी द्वारा मंगलवार को यह कहे जाने के बाद की कि उसने युद्ध विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ब्लिंकन फिलफाल युद्ध विराम समझौते को लेकर मिडिल ईस्ट की यात्रा पर हैं।

 

 

 

 

 

इससे पहले सोमवार को, हमास ने टेलीग्राम पर एक बयान में कहा कि वह गाजा में युद्ध विराम, इजरायली बलों की पूर्ण वापसी और बंधकों के बदले फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली का समर्थन करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का स्वागत करता है।

 

 

 

 

 

सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया, ब्लिंकन ने हालांकि गाजा में हमास नेताओं से प्रस्ताव पर साफ तौर पर पुष्टि करने का आह्वान किया।

 

उन्होंने कहा, “यही चीज मायने रखती है, जिसकी हमें अभी भी कमी है।”

 

 

 

 

 

उन्होंने सोमवार रात को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और कहा कि नेतन्याहू ने युद्धविराम प्रस्ताव पर अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है।

 

ब्लिंकन ने सोमवार को काहिरा में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी के साथ बातचीत के बाद सोमवार और मंगलवार को इजरायली अधिकारियों से मुलाकात की।

 

 

 

 

 

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिकी प्रस्ताव को अपनाया। इसके तहत तीन चरण में युद्धविराम समझौता लागू किया जाएगा।

 

 

 

 

 

प्रस्ताव को 14 मतों के साथ अपनाया गया और रूस ने मतदान में भाग नहीं लिया।

 

प्रस्ताव के अनुसार, पहले चरण में बंधकों की रिहाई और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के साथ तत्काल और पूर्ण युद्धविराम शामिल है।

 

 

 

 

 

दूसरे चरण में गाजा में मौजूद सभी बंधकों की रिहाई और गाजा से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी होगी।

 

तीसरे चरण में, गाजा के लिए एक पुनर्निर्माण योजना शुरू होगी, और मारे गए बंधक के अवशेष इजरायल को लौटा दिए जाएंगे।

 

 

 

 

 

प्रस्ताव में कहा गया है कि इजरायल ने समझौते को स्वीकार कर लिया है और अब हमास ने भी इस पर अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

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