भोपाल में जोर पकड़ रहा पेड़ बचाओ अभियान, गुरुवार को भी प्रदर्शन

Save trees campaign gaining momentum in Bhopal, also demonstrated on Thursday

भोपाल, 13 जून : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में विधायकों और मंत्रियों के बंगलों के लिए कथित तौर पर 29,000 पेड़ काटने की चल रही तैयारी का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है।

 

गुरुवार को भी महिलाओं ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया और पेड़ों से चिपक कर उनकी रक्षा का भरोसा दिलाया।

 

 

 

 

 

राजधानी के तुलसी नगर और शिवाजी नगर इलाके में विधायकों और मंत्रियों के लिए बंगले बनाए जाने का प्रस्ताव है। जिन इलाकों में आवास बनना है, वहां बड़ी तादाद में पेड़ हैं। आरोप है कि इन पेड़ों को काटा जाना है, इसी के चलते लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है और वह आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।

 

 

 

 

महिलाएं गुरुवार को भी तुलसी नगर और शिवाजी नगर इलाके के राम मंदिर परिसर में जुटीं। इसके बाद सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन किया। महिलाओं ने दशकों पहले हुए चिपको आंदोलन को भी अपनाया। महिलाएं पेड़ों से लिपटकर रोईं और उन्हें दुलार भी किया।

 

 

 

 

 

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि इन पेड़ों को बुजुर्गों ने लगाया था और सभी ने मिलकर उन्हें बच्चों की तरह पाला। अब इन पेड़ों को काटने की तैयारी चल रही है। वे अपने जीते जी ऐसा नहीं होने देंगी। पूर्व में राजधानी में स्मार्ट सिटी के लिए पेड़ काटे जाने पर भी लोगों में गुस्सा है।

 

 

 

 

 

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि दुनिया के लोग कोरोना काल में पेड़ों के महत्व को जान गए हैं। पेड़ हमारे ऑक्सीजन बैंक हैं। सरकार बिना विचार किए पेड़ों को काटने की तैयारी कर रही है।

 

 

 

 

 

बता दें कि कांग्रेस ने राजधानी में मंत्रियों और विधायकों के बंगलों के लिए 29,000 पेड़ काटने का आरोप लगाया है। इसे लेकर कांग्रेस विरोध प्रदर्शन भी कर चुकी। अब इस आंदोलन में महिलाओं की सक्रियता बढ़ती जा रही है।

 

 

 

 

 

वहीं, सरकार खुद को पर्यावरण के प्रति गंभीर बता रही है और आरोपों को नकार रही है। सरकार का कहना है कि विकास कार्य या दूसरे कार्यों में मुश्किल खड़ी करने वाले पेड़ों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।

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