बलिया में भ्रष्ट ठेकेदारों ने दिया उख्यमत्री योगी को चुनौती मुख्यमंत्री योगी के भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश के आदेश का उड़ा रहे है खुलेआम धाजिया

 

 

 

रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स

रेवती बलिया

मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के रेवती नगर पंचायत का है जहा पिछले 4 साल पहले ठेकेदार के माध्यम से बने पशुअस्पताल में नया भवन का निर्माण पूर्ण होने के बाद भी कोई पशु चिकित्सा अधिकारी व प्रभारी इसे हैंड ओवर नहीं ले रहा था कारण नव निर्मित बिल्डिंग में हुवे व्यापक भ्रष्टाचार होने के वजह से बिल्डिंग हैंड ओवर होने से पहले ही नव निर्मित भवन ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया है भवन में व्यापक भ्रष्टाचार वा खराब गुदवक्ता के मैटेरियल होने के वजह से भवन का प्लास्टर, हर जगह से गिर रहा है बिल्डिंग के छत के ढलाई भी मानक के विपरीत होने के वजह से इस नव निर्मित बिल्डिंग का हैण्ड ओवर नही हो पा रहा था स्थानीय लोगो का कहना है की खराब गुदवक्त के ईट और सीमेंट और सफेद बालू से बिल्डिंग के निर्माण होने के वजह से बिल्डिंग आज ही जर जर हो गई है इस बिल्डिंग को गिरने में ज्यादा टाइम नही लगेगा स्थानीय लोगो ने इसकी सूचना मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से इस बिल्डिंग में हुवे भ्रष्टाचार की और बिल्डिंग हैण्ड ओवर नही होने की शिकायत की थी जिसका जांच जिला बेटनरी अधिकारी कर रहे थे जिला बेटनारी अधिकारी जांच करने के बजाय उन भ्रष्टाचार करने वाली संस्थान को बचाने में लग गए और एक आख्या लगाई की जब तक इस नव निर्मित बिल्डिंग की जांच किसी प्रमाणित लैब में नही हो जा रहा है मुझे इसकी रिपोर्ट नही मिल रही है तब तक इस बिल्डिंग हो हैंड ओवर नही लिया जाएगा लेकिन जून 2024 में इस बिल्डिंग को हैंड ओवर कर दिया गया और पसुचिकित्सा धिकारी इस बिल्डिंग में बैठना सुरु भी कर दिए है जब पत्रकारों द्वारा पशु चिकित्सा धिकारी से बिल्डिंग हैंड ओवर के बारे में पूछा गया तो पशु चिकित्सा धिकारी रेवती द्वार बताया गया की मुझे इसके बारे में कुछ पता नहीं है की बिल्डिंग हैंड ओवर हुवा है की नही मुझे जिला वेटनरी अधिकारी द्वारा बताया गया की अब आप इस नव निर्मित बिल्डिंग में ही बैठिए जबकि स्थानीय समाज सेवी अरुण पांडेय लोहिया का कहना है की इस बिल्डिंग निर्माण में जबरदस्त भ्रष्टाचार हुवा है जो की सामने से दिख भी रहा है अगर इस बिल्डिंग की मैटेरियल की जांच किसी लैब में कराया जाए तो ठेकेदार के साथ साथ विभाग के भी कई आला अधिकारी और कर्मचारी इसमें संलिप्त मिलेंगे लेकिन इस सरकार में जांच कराने का कोई फायदा नही है क्यों की जब रक्षक ही भक्षक बन कर बैठ जाए तो उम्मीद किस्से की जा सकती है इस लिए शिकायत करने का कोई फायदा नही इस मामले पर स्थानीय लोगो में आक्रोश का माहौल बना हुवा है

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