मऊ में भीषण गर्मी और लू का सितम,जिला अस्पताल की ओपीडी में एक हज़ार के पार हुई मरीजों की संख्या

The number of patients seeking refuge in hospitals is increasing rapidly due to the scorching heat. The OPD of the district hospital alone has crossed 1,000, which is an average of five to six hundred patients on normal days is growing. Dr AP Gupta, CMS of the district hospital, said no patient has died of heat stroke.

रिपोर्ट:अबुजार अंसारी

मऊ में भीषण गर्मी व लू की चपेट में आकर अस्पतालों की शरण में आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। केवल जिला अस्पताल की ओपीडी 1000 के पार हो गई है, जो आम दिनों में औसतन पांच से छह सौ मरीजों तक की ही रहती है।जिले भर के पंजीकृत चिकित्सकों व अस्पतालों में सांस फूलने, सिरदर्द, बदन दर्द व बुखार के मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.एपी गुप्ता ने बताया कि लू-स्ट्रोक की चपेट में आकर भर्ती अभी तक किसी मरीज ने दम नहीं तोड़ा है।जबकि, जिले के प्रमुख शवदाह स्थलों पर जलने वाली लाशों की संख्या इस सप्ताह चार से पांच गुना तक बढ़ गई है। लू या हीट स्ट्रोक के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जिला अस्पताल की तैयारियां बहुत जबर्दस्त हैं.आकस्मिक विभाग में कर्मचारी 24 घंटे पूरी तत्परता के साथ ड्यूटी दे रहे हैं। लू-स्ट्रोक के मरीजों के लिए वार्ड-6 एवं वार्ड-7 को आरक्षित कर दिया गया है। वर्तमान में जिला अस्पताल में घोषित तौर पर केवल लू-स्ट्रोक से बीमार दो ही मरीज भर्ती मिले।जबकि, लू की चपेट में आकर अन्य दूसरी बीमारियों से गंभीर रूप से बीमार भर्ती मरीजों की संख्या 20 से अधिक है। वर्तमान में 100 बेड के जिला अस्पताल में कुल 35 मरीज भर्ती हैं। आक्सीजन के साथ-साथ दवा के स्टाक में भी कहीं कोई कमी नहीं है। सीमावर्ती जनपद बलिया व गाजीपुर के भी बड़ी संख्या में मरीज मऊ जिला अस्पताल एवं अन्य निजी अस्पतालों में आ रहे हैं।आकस्मिक विभाग व भर्ती मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में वर्तमान में 13 नियमित डाक्टर, 03 पुनर्नियोजित डाक्टर तथा 11 संविदा चिकित्सक मिलाकर 27 डाक्टर हैं। नर्सिंग स्टाफ की संख्या बहुत कम है। 22 के स्थान पर केवल 06 नर्सें ही मोर्चा संभाले हुए हैं।जिला अस्पताल के सभी 18 वार्डों में भीषण गर्मी को देखते हुए कूलर लगा दिया गया है। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों को काफी राहत मिल रही है। बेड से लेकर स्वच्छ बेडशीट व आक्सीजन की उपलब्धता हर बेड के पास है। साफ-सफाई भी काफी बेहतर हो गई है,

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