छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियो शहादत अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया 

 

रिपोर्टर संजय सिंह

रसड़ा (बलिया) हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की अजीम शहादत की याद में यौमे आसुरा बुधवार को यहां बड़े अकीदत एवं एहतराम के साथ मनाया गया। इस मौके पर शिया वर्ग द्वारा सबेरे जुलूस निकाला गया जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए कर्बला  पहुंचा जहां ताजिए दफन किए गए। इस बीच सहाबे नवाज आदिल, जाहिद दिलशान, मोहम्मद जान, आमिर हुसैन द्वारा नौहां पढ़ा गया। इस बीच मुंसफी तिराहे पर उपस्थित भारी भीड़ को संबोधित करते हुए सैय्यद मुजतबा हुसैन ने कहा कि इमाम हुसैन ने सच्चाई व इंसानियत के लिए अपनी अजीम कुर्बानी दी और यह संदेश दिया कि जिल्लत की जिंदगी से इज्जत की मौत बेहतर है। जुलूस में भारी भीड़ के बीच अकीदतमंदों ने जंजीरी और ब्लेड से मातम कर खुद को लहुलूहान कर दिया। जिसे देख दर्शक हतप्रभ रह गए। जुलूस कोतवाली होते हुए कर्बला पहुंचा जहां ताजिए सदा-ए-हुसैन अलविदा के साथ ताजिए दफनाए गए।

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