आजमगढ़:अपर मुख्य सचिव ने सर्किट हाउस में की समीक्षा बैठक
रिपोर्ट:आफताब आलम
आजमगढ़:अपर मुख्य सचिव, दुग्ध विकास, मत्स्य एवं पशुधन विकास, उ0प्र0 शासन, डॉ0 रजनीश दूबे की अध्यक्षता में आज सर्किट हाउस के सभागार में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल, सहभागिता योजना एवं गोचर भूमि को मुक्त कर नैपियर घास रोपण अभियान की समीक्षा बैठक की गई।इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ने बताया कि गौ संरक्षण/संवर्धन के अंतर्गत पूरे प्रदेश में गोचर भूमि से कब्जा हटाए जाने के लिए 11 जुलाई से 25 अगस्त 2023 तक 45 दिन का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोचर भूमि से कब्जा को हटवाकर उसपर नैपियर घास लगवाया जाए, इसके लिए एक सप्ताह के अंदर माइक्रो प्लान तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में गौशाला हेतु कम स्पेस है, इसके लिए अतिरिक्त जगह का चयन किया गया है, जिस पर नगरपालिका के माध्यम से एक माह के अंदर कान्हा गौशाला बनवा लिया जाए।अपर मुख्य सचिव ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि 04 कैटल कैचर ट्राली के साथ मंगवा लें तथा 04 माउंटेन कैटल कैचर हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तहसीलों पर एक-एक कैटल कैचर की व्यवस्था करा लें। उन्होने डिप्टी सीवीओ को निर्देश दिया कि अभी भी काफी संख्या में गोवंश बाहर हैं, उसके लिए अभियान चलाकर छुट्टा पशुओं को गोवंश आश्रय स्थल में संरक्षित कराएं।अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कुकुट नीति के अंतर्गत 10,000, 30,000 व 60,000 मुर्गी पालन योजना के अंतर्गत जनपद से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं है। उन्होंने डिप्टी सीवीओ को निर्देश दिया कि उक्त योजना का प्रचार प्रसार कराते हुए 10 प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें एवं क्षेत्र समिति को बैठक में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजना के बारे में तथा कुकुट पालन के बारे में अवश्य बताएं।अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी से कहा कि जनपद में जितने भी गोचर भूमि व चारागाह हैं,उसको संबंधित गौशालाओं से टैगिंग करा लें, चरागाह की भूमि पर नैपियर घास लगवाएं व चारागाह के किनारे पाकड़ का पेड़ लगावायें, जिसमें पशुओं को हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा। उन्होने कहा कि मत्स्य पालकों का क्रेडिट कार्ड तेजी से बनवाया जाए। गोबर से बने उपले का प्रयोग अंत्येष्टि स्थलों पर कराया जाए।उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि जनपद में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से गोबर से पेन्ट बनवाने का प्रोजेक्ट एक माह में तैयार कराकर चालू करायें, जिससे वैकल्पिक आय का साधन बनेगा। उन्होंने कहा कि जिला पंचायतों से गो आश्रय स्थलों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए, उनके माध्यम से गौशालाओं की फंडिंग व प्रबंधन कराया जाए।अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मोबाइल वेटनरी यूनिट चलाई जा रही है,
एंबुलेंस की सेवा लेने के लिए पशुपालकों को टोल फ्री नंबर- 1962 पर कॉल करना होगा, एंबुलेंस पशुपालकों के घर पहुंच जाएगा, जिससे बीमार पशुओं का इलाज कराना आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नेशनल लाइव स्टाक मिशन, भारत सरकार द्वारा सूकर/बकरी पालन योजना में कृत्रिम गर्भाधान योजनालागू की गई है, इसका प्रचार-प्रसार कराया जाए।अपर मुख्य सचिव ने मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि प्रत्येक विकास खंडों में संबंधित पशु अस्पताल के वेटनरी ऑफिसर के नाम, मोबाइल नंबर व समय अवश्य लिखवा दें तथा ग्राम पंचायत स्तर पर एलईओ, मैत्रीय वर्कर का नाम व मोबाइल नंबर तथा टोल फ्री नंबर 1962 लिखवा दें।अपर मुख्य सचिव ने वेटनरी आफिसर को निर्देश दिया कि पशु अस्पताल के साथ-साथ अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर गौशालाओं में बीमार पशुओं का इलाज करें। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि गौ आश्रय स्थलों की बराबर मानिटरिंग करते रहें।इस अवसर पर जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज, मुख्य विकास अधिकारी श्रीप्रकाश गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आजाद भगत सिंह,अपर निदेशक पशुपालन, डिप्टी सीवीओ (पशुधन) डॉ0 धर्मेन्द्र पाण्डेय सहित संबंधित ब्लॉकों के ब्लाक प्रमुख उपस्थित रहे।