प्राकृतिक खेती, मिलेट्स मोटे आनाज, एग्रीजक्शन, पीएम कुसुम योजना को बढ़ावा देने पर सीडीओ ने दिया बल
कृषक उत्पादन संगठन बनाकर किसान भाई उठाये अधिक लाभ-उप निदेशक कृषि
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोहीl मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 शिवांकान्त द्विवेदी की अध्यक्षता में सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन योजना की गवर्निग बोर्ड, मिलेट्स, एफ0पी0ओ0 जैविक खेती, नेशनल मिशन फार सस्टनेबल एग्रीकल्चर, (एन.एम.एस.ए.) योजना की बैठक कलेक्टेªट सभागार में सम्पन्न हुई। उप निदेशक कृषि डॉ0 अश्वनी कुमार सिंह ने बैठक के विभिन्न बिन्दुओं पर अद्यतन जानकारी व प्रगति से सभी को अवगत कराया।
सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन अन्तर्गत ‘‘सपोर्ट टू एक्सटेंशन प्रोग्राम्स फॉर एक्सटेंशन रिफॉर्म (आत्मा) योजना वर्ष 2024-25 के प्रस्तावना पर बल देते हुए बताया कि कृषकों को प्रसार सेवायें सुलभ कराने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर कृषि तकनीकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा) एक स्वायत्तशाषी संस्था है। इस अभिकरण हेतु आत्मा गवर्निंग बोर्ड शीर्षस्थ निकाय है जिसके द्वारा समस्त नीति- निर्धारण किया जाता है। जनपद में मिलेट्स फसलों की खेती को बढ़वा देते हुये क्षेत्रअच्छादन/उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि कर कृषकों के आय में वृद्धि करना। मिलेट्स उत्पाद को जनसामान्य के दैनिक आहार में सम्मिलित करने के साथ – साथ मिलेट्स के नए-नए उत्पादों की रेसीपी विकसित किया जाना। मिलेट्स के विभिन्न उत्पादों को तैयार करने हेतु मिलेट्स की प्रसंस्करण इकाइयों को स्थापित करना। मिलेट्स के पौष्टिक लाभ हेतु प्रचार-प्रसार करना तथा जागरूकता हेतु विशेष कार्यक्रम संचालित करना। उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि हेतु उच्च गुणवत्ता युक्त प्रमाणित बीज विकसित करना एवं उपलब्ध कराना। गुणवत्तायुक्त बीज के प्रयोग से लगभग 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सके। गुणवत्तायुक्त बीजों के मिनिकीट का वितरण कृषकों को करते हुये अधिकाधिक क्षेत्रफल को आच्छादित करना।
प्रमुख्य गतिविधियां के क्रम में बीज उत्पादन हेतु कृषक उत्पादन संगठनों को सीडमनी की सुविधा- सीड मनी के अनुदान प्राप्त करने हेतु को विभागीय पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगें। आवेदन हेतु प्रदेश स्तर से विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित होता हैं। जनपद से कम से कम 02 लाभवान्वित हो सकते हैं। मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केंद्र की स्थापना- प्रदेश में मिलेट्स के मूल्य संवर्धन के लिए सरकारी क्षेत्र में कृषि विश्वविद्यालयो । कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं निजी क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठन एवं उद्यमियों के माध्यम से मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई की स्थापना हेतु पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विश्वविद्यालयो / कृषि विज्ञान केन्द्रों क इस कार्य हेतु शतप्रतिशत अनुदान (रु 95.00 लाख) तथा कृषक उत्पादक संगठन एवं उद्यमियों का 50 प्रतिशत की सीमा तक अनुदान (अधिकतम रु 47.50 लाख) उपलब्ध कराया जाएगा। मिलेट्स मोबाइल आउटलेट एवं मिलेट्स स्टोर- मिलेट्स के विपणन को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश के छोटे करबो / कम नगरीय आबादी छोटे शहरों में मिलेटस मोबाइल आउटलेट एवं प्रमुख बड़े शहरों। सर्वाधिक नगरीय आबादी वाले शहरों। पर्यटक शहरो में मिलेट्स स्टोर की स्थापना हेतु कृषक उत्पादक संगठनो/उद्यमियों/स्वयं सहायता समूहों आदि को वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जायेगा।
कृषक उत्पादन संगठन से किसान भाईयों को होने वाला लाभ निम्नवत है-बीज, खाद, कीटनाशक जैसे कृषि निवेशों के लिए एफ०पी०ओ० कृषि विभाग से लाईसेंस प्राप्त कर इनका व्यवसाय कर सकते हैं, इससे किसान भाई स्वय गुणवत्तायुक्त, कृषि निवेश उचित मूल्य पर और सही समय पर व्यवस्था कर सकते हैं। एफ०पी०ओ० को कम्पनियां थोक विक्रेता भी बनाती हैं। इन कम्पनियों की फ्रेंचाइजी लेकर एफ०पी०ओ० में व्यवसाय कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत एफ०पी०ओ० को निम्न सुविधाएं दी जाती हैं-कस्टम हायरिंग सेन्टर/फार्म मशीनरी बैंक के अन्तर्गत आवेदन करके लगभग 40ः से 80ः तक कृषि यंत्रीकरण पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न खरीद केन्द्र के रूप में एफ०पी०ओ० को मान्यता मिल सकती है। एफ०पी०ओ० इसमें कमीशन पाकर स्वयं लाभान्वित होते हैं। बीजोत्पादन, बीज विधायन, गोदाम निर्माण की योजना है और कृषकों को भी सुविधा रहती है। एफ०पी०ओ० के पास पंजीकरण प्रमाण पत्र उपलब्ध होने की दशा में मण्डी शुल्क में छूट का प्राविधान है। भारत सरकार द्वारा लागू नये नियमों के अन्तर्गत एफ०पी०ओ० सीधे अपना माल उपभोक्ता को सीधे बाजार में बेच बिचौलियों से बचा जा सकता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पी.एम.कुसुम) सोलर पम्प योजन के अन्तर्गत 230 के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु प्रेरित करने पर बल दिया। सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजन्तर्गत 2024-25 की भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य, प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ काप रेजीड्यू (सी०आर०एम०) योजन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 पर बल दिया। प्रशिक्षित कृषि उद्धयमी योजना के अन्तर्गत एग्रीजक्शन किसान सेवा केन्द्रों की स्थापना हेतु कुल लक्ष्य 18 को पूर्ण करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि एग्रीजक्शन के अन्तर्गत बीएससी एग्रीकल्चर करने वाले बेरोजगार युवकों को बीच, उर्वरक एवं पेस्टिसाईड का निःशुल्क निबंधन पत्र जारी कर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
एन०एम०एस०ए० के उद्देश निम्नवत है वर्षा सिंचित क्षेत्रों की कृषि उत्पादकता में सतत वृद्धि करने के लिए समुचित कृषि पद्धति प्रणाली को प्रचारित करना। कृषि विविधिकरण और कम्पोजिट कृषि पद्धति अपनाकर सूखा, बाढ़ या वर्षा का कम या असमान वितरण की दशा में फसल उत्पादन पर पड़ने वाले कुप्रभाव को कम करना। कृषकों को उन्नत, आन फार्म तकनीकी तथा फसल उत्पादन विधि अपनाकर रोजगार का अवसर दिलाना तथा उनमें वर्षा आधारितकृषि में आत्मविश्वास जगाना । कृषकों की आय में वृद्धि एवं जीविका उपार्जन सपोर्ट जिससे वर्षा सिचिंत कृषि क्षेत्रों में कृषक ऋण मृक्त हों। एकीकृत एवं समन्वय पद्धति द्वारा विभिन्न सेक्टर एवं संस्थाओं के सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों का समावेश प्रोजेक्ट एरिया में करके संसाधनों का समुचित उपयोग करना। लाभाथियों का चयन-योजना का संचालन वर्षा आधारित क्षेत्रों में किया जाना है। पूर्व में विभिन्न योजनाओं यथा राष्ट्रीय जलागम, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नाबार्ड योजना से उपचारित क्षेत्रों में ही चयन किया जाना है। जिससे उस क्षेत्र की उत्पादकता में वृद्धि तथा वहां के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लक्षित हो सके। मार्गदर्शी निर्देशिका के अनुसार योजनान्तर्गत लघु/सीमान्त श्रेणी के कृषकों को चयनित करते हुए अनुसूचित जाति, पिछडी जाति, सामान्य जाति तथा महिला कृषकों को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। देय सुविधाए -वर्ष 2024-25 में परियोजना गिर्दबडागाँव विकास खण्ड-औराई तहसील – औराई का चयन किया गया है, योजनान्तर्गत लाभार्थी को सम्पूर्ण योजना काल मे एक कृषक परिवार को इन्टीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम के साथ साथ मत्सय पालन मौन पालन, साइलेज एवं वर्मी कम्पोस्ट / आर्गेनिक इनपुट उत्पादन यूनिट एवं हरी खाद मे से दो अन्य कार्यक्रम के कार्य करने पर कुल लागत धनराशि रूपया 60000 या उससे अधिक धनराशि पर रूपया 30000 का अनुदान देय है। परियोजना में 92 लाभार्थियो को लाभन्वित किया जाना एवं 38 हे० क्षेत्रफल उपचारित किया जाना है जिसमे कुल 27.60 लाख की धनराशि व्यय की जानी है। उपयोगिता-सिंचन क्षमता में वृद्धि, कृषि उत्पादन में वृद्धि, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, खेतों की उर्वरा शक्ति में वृद्धि, फल एवं सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि तथा लकड़ी, चारा एवं पर्यावरण संतुलन में वृद्धि होगी।
बैठक में वरिष्ठ वैज्ञानिक बेजवॉ कृषि केन्द्र विश्वेन्दु द्विवेदी, जिला कृषि अधिकारी रत्नेश सिंह, जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव, जिला सूचना अधिकारी डॉ0 पंकज कुमार, कृषक संगठन पदाधिकारी अरूणेन्द्र चौबे, डॉ0 रामेश्वर सिंह, वैदिक एफ0पी0ओ संचालक राहुल, त्रिसागर एफ0पी0ओ0, सहित अन्य एफ0पी0ओ0 संचालक, प्रगतिशील किसान, किसान संगठन के पदाधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।