एनआईटी में टेक्निकल टेक्सटाइल कोर्स के लिए 20 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत

Technical textile course at NIT, grant of Rs 20 crore sanctioned

नई दिल्ली: देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों में टेक्निकल टेक्सटाइल से जुड़े डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इन शिक्षण संस्थानों में ‘नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ यानी एनआईटी भी शामिल हैं। पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए करीब 20 करोड़ रुपये के अनुदान की मंजूरी दी गई है।

टेक्सटाइल में यह नए डिग्री प्रोग्राम केंद्र सरकार की पहल पर शुरू किया जा रहे हैं। गौरतलब है कि यह सभी टेक्सटाइल से संबंधित पाठ्यक्रम सीधे उद्योगों से जुड़े हुए हैं। टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में बी.टेक पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है। एनआईटी जिन विषयों में बीटेक के नए पाठ्यक्रम ऑफर करेगा, उनमें जियोटेक्सटाइल्स, जियोसिंथेटिक्स, कंपोजिट्स, सिविल स्ट्रक्चर्स आदि सहित तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न क्षेत्रों और अनुप्रयोग शामिल हैं। एनआईटी के अलावा पांच अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में भी ऐसे बीटेक कार्यक्रम शुरू किया जा रहे हैं। यह पहल केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के प्रयासों से आरंभ की जा रही है।वस्त्र मंत्रालय के सचिव ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित उद्योग भवन में राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन के तहत आठवीं अधिकार प्राप्त कार्यक्रम समिति (ईपीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रालय ने 4 स्टार्ट-अप को मंजूरी दी है। अधिकार प्राप्त समिति ने ‘तकनीकी वस्त्र के क्षेत्र में उभरते खोजकर्ताओं के लिए अनुसंधान एवं उद्यमिता हेतु अनुदान (ग्रेट)’ योजना के तहत प्रत्येक स्टार्ट-अप को लगभग 50 लाख रुपये के अनुदान प्रदान किया है।

केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के मुताबिक समिति ने ‘तकनीकी वस्त्रों से संबद्ध शैक्षणिक संस्थानों को सक्षम बनाने हेतु सामान्य दिशानिर्देश’ दिए हैं। इन दिशा निर्देशों के तहत 5 शिक्षा संस्थानों को तकनीकी वस्त्रों से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने हेतु लगभग 20 करोड़ रुपये के अनुदान को भी मंजूरी दे दी है। अनुमोदित स्टार्ट-अप परियोजनाएं कंपोजिट्स, सस्टेनेबल टेक्सटाइल्स और स्मार्ट टेक्सटाइल्स के प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों पर केन्द्रित हैं। अनुमोदित शिक्षा संस्थानों ने जियोटेक्सटाइल्स, जियोसिंथेटिक्स, कंपोजिट्स, सिविल स्ट्रक्चर्स आदि सहित तकनीकी वस्त्रों के विभिन्न क्षेत्रों और अनुप्रयोगों में नए बी.टेक पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।

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