लक्ष्य खुराना, साहिल उप्पल और बृंदा दहल ने अपनी गणेश यादें साझा कीं

Lakshya Khurana, Sahil Uppal and Brinda Dahal share their Ganesh memories

 

मुंबई: गणपति बप्पा का आगमन अब जल्द होने वाला है। टीवी अभिनेता लक्ष्य खुराना, बृंदा दहल और साहिल उप्पल ने भगवान गणेश के प्रति अपने प्यार, भक्ति भाव और व्यक्तिगत कहानियों को शेयर किया है।

 

उन्होंने बताया कि कैसे यह खास त्योहार उन्हें शांति और सकारात्मकता से भर देता है। ‘इश्क जबरिया’ शो में आदित्य की भूमिका निभा रहे लक्ष्य ने कहा “गणेश चतुर्थी मेरे पसंदीदा त्योहारों में से एक है। इन दिनों हवा में एक अनोखा जादू होता है, जो मुंबई को और भी खूबसूरत बनाता है।वाइब्रेंट रंगों, ढोल, आरती की आवाज और भक्ति के लिए एक साथ आने वाले लोगों के दृश्य से शहर जीवित हो उठता है। सड़कें रोशनी और सजावट से सजी होती हैं, और हर कोना ऐसा लगता है मानो बप्पा के आशीर्वाद से भर गया हो।यह एक ऐसा समय है, जब मुंबई की भक्ति भावना सबसे अधिक दिखाई पड़ती है। इस तरह के भव्य समारोहों का हिस्सा बनने से मेरा दिल बेहद खुशी और कृतज्ञता से भर जाता है।’छठी मैया की बिटिया’ शो में वैष्णवी का किरदार निभा रहीं बृंदा ने कहा, “गणेश चतुर्थी मेरे लिए खास है, क्योंकि मेरा जन्म 4 तारीख मंगलवार को हुआ था, जो गणेश जी की पूजा का दिन है। बचपन से ही मुझे गणेश जी के साथ गहरा जुड़ाव महसूस हुआ है।”.बृंदा ने कहा, जब मैं लगभग सात साल की थी, उस समय स्कूल में कुछ परेशान करने वाली घटना घटी। मैं मंदिर गई, रोते हुए प्रार्थना की और अचानक मेरे हाथ में एक फूल गिर गया। ऐसा लगा मानो यह किसी फिल्म का सीन हो। नेपाल में गणेश चतुर्थी अन्य जगहों के मुकाबले सादगी से मनाई जाती है। यहां घर पर गणेश प्रतिमा की नियमित प्रार्थना की जाती है।

 

बृंदा ने कहा कि इस साल मुंबई में मुझे कई निमंत्रण मिला है और मैं यह देखने के लिए उत्साहित हूं कि गणेश उत्सव कैसे मनाया जाता है। मैं स्वादिष्ट मोदक का आनंद लेने और मुंबई में गणेश उत्सव का अनुभव लेने के लिए बहुत उत्साहित हूं।’साझा स‍िंंदूर’ शो में गगन की भूमिका निभाने वाले साहिल ने कहा “भले ही मैं दिल्ली में बड़ा हुआ हूं, जहां गणेश चतुर्थी बड़े स्तर पर नहीं मनाई जाती है, लेकिन मुंबई से मेरी कुछ बहुत अच्छी यादें हैं, जहां मैंने सबसे ज्यादा समय बिताया है।हर साल, हमारी सोसायटी गणपति जी को लाती थी और हम हमेशा मंडल में मौजूद रहते थे, सजावट में मदद करते थे और चंदा इकट्ठा करते थे। हम सुबह से रात तक जश्न में ऐसे डूबे होते थे कि अक्सर खाना या सोना भूल जाते थे।उन्होंने कहा यह ऐसा था, जैसे पूरा समुदाय हमारे विशेष अतिथि के रूप में भगवान गणेश का स्वागत करने के लिए एक साथ आया हो। गणेश चतुर्थी सिर्फ एक त्योहार से कहीं अधिक है, यह एकता का उत्सव है।

बता दें कि छठी मैया की बिटिया’ एक अनाथ वैष्णवी (बृंदा) की कहानी है, जो छठी मैय्या (देवोलीना) को अपनी मां के रूप में देखती है। ‘इश्क जबरिया’ गुल्की (सिद्धि शर्मा) और उसके एयर होस्टेस बनने के संघर्ष की कहानी बताती है। ‘साझा स‍िंंदूर’ में फूली (स्तुति विंकल) को दर्शाया गया है, जिसे उसके दूल्हे की शादी के दिन मृत्यु हो जाने के बाद अविवाहित विधवा करार दिया जाता है।

यह शो सन नियो पर प्रसारित होता है।

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