Azamgarh:अकीदत के साथ समाप्त हुआ ईद मिलादुन्नबी का आयोजन
अकीदत के साथ समाप्त हुआ ईद मिलादुन्नबी का आयोजन
रिपोर्टर रोशन लाल
आजमगढ़ जिला के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के पटवध सरैया निवासी करीम आजाद के दरवाजे पर आयोजित ईद मिलादुन्नबी का आयोजन पूरे हर्षोल्लास और हकीकत के साथ समाप्त हुआ। इस मौके पर लंगडपुर से तशरीफ़ लाए हुए मौलाना सिराजुद्दीन ने कहा की हमें अल्लाह ने इस दुनिया में पैदा किया है दूसरों की मदद के लिए और भलाई के लिए। इसलिए हम जिंदगी भर अपने काम के साथ-साथ गरीब मजदूर व्यक्तियों की भी मदद करते रहें। उन्होंने कहा कि सबसे पहले अपने पड़ोसी का ख्याल रखें पड़ोसी चाहे जिस धर्म जात बिरादरी का हो खाना खाने से पहले देख ले कि उसके घर में चूल्हा जल रहा है कि नहीं। अगर नहीं जल रहा है तो आपकी जिम्मेदारी है कि आप उसके घर खाना पहुंचाएं। हो सके तो दूसरों से भी उसकी मदद कराएं ताकि वह भी भरपेट खाना खाकर चैन की नींद सो रहे। यही इस्लाम का वसूल है यही इंसानियत और मानवता है । इसके अलावा उन्होंने अल्लाह और रसूल के तमाम हवाले दिए तमाम हदीसें पढ़े, जिसे सुनकर मौके पर मौजूद नौजवान बुजुर्ग और बच्चे हर्षित होकर तालियां बजा रहे थे।और नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर का नारा भी लगा रहे थे। इस कार्यक्रम में मुबारकपुर अशरफिया से मौलाना तशरीफ लाए थे वहीं बाराबंकी से और सेठारी से मौलाना तशरीफ लाए हुए थे। कार्यक्रम को संचालित करने के लिए पटवध सरैया गांव के हिंदू मुस्लिम के नौजवानों ने मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें हिंदू समाज के बच्चों द्वारा खाना बनाया गया यानी खाना पकाया गया और पधारे हुए मुस्लिम मेहमानों को खिलाया भी गया। इस हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पूरे क्षेत्र में चर्चा की विषय बनी हुई है। और लोग कहते फिर रहे हैं कि जिसे हिंदू मुस्लिम एकता सीखना हो वह पटवध सरैया बाजार में स्थित करीम आजाद कव्वाल के मोहल्ले में जाए और यहां के हिंदू मुसलमानों से मिलकर सीख ले की कैसे हिंदू मुस्लिम एकता की जाती है। कैसे एक दूसरे का सहयोग किया जाता है।और जरूरत पड़ने पर कैसे एक दूसरों की मदद की जाती है।