भारत और ओमान की नौसेना ने किया साझा समुद्री युद्धाभ्यास

Indian and Omani navies conducted joint maritime exercise

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के समुद्री जहाज आईएनएस त्रिकंद और डोर्नियर समुद्री गश्ती विमान ने ओमान की रॉयल नेवी के साथ द्विपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास किया है। भारत-ओमान द्विपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास का नाम ‘नसीम-अल-बह्र’ है। रविवार को इस संदर्भ में जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के बीच यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया था।

भारत में गोवा के पास आयोजित इस समुद्री अभ्यास में सबसे पहले बंदरगाह चरण पूरा किया गया। इसके बाद दोनों देशों की नौसेनाओं ने आधुनिक हथियारों से लैस अपने समुद्री जहाजों पर समुद्री चरण को अंजाम दिया। बंदरगाह गतिविधियों के हिस्से के रूप में, दोनों नौसेनाओं ने पेशेवर बातचीत की। इसमें विषय वस्तु विशेषज्ञता का आदान-प्रदान और योजना सम्मेलन शामिल रहा।

इसके अलावा, खेल और सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। समुद्री चरण के दौरान जहाजों ने विभिन्न अभ्यास किए, जिनमें सतह के इन्फ्लैटेबल लक्ष्यों पर बंदूक फायरिंग, नजदीकी दूरी की विमान-विरोधी फायरिंग व युद्धाभ्यास शामिल था। इस समुद्री अभ्यास के दौरान इंटीग्रल हेलीकॉप्टर आईएनएस त्रिकंद से संचालित होता था और ओमान की नौसेना के समुद्री जहाज अल सीब के साथ क्रॉस-डेक लैंडिंग करता था।

इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना के डोर्नियर विमान ने यहां मौजूद समुद्री जहाजों के साथ ओवर-द-होराइजन टारगेटिंग डेटा प्रदान किया। अंतर-संचालनीयता को और बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना सी राइडर्स एक दिन के लिए ओमान के जहाज पर रवाना हुए। इस अभ्यास ने अंतर-संचालनीयता को मजबूत करने और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं की समझ बढ़ाने में मदद की।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह अभ्यास एक जबरदस्त सफलता रही। इसने अंतर-संचालनीयता को बढ़ाने, आपसी समझ को बढ़ावा देने और भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी के बीच सामंजस्य को मजबूत करने के अपने उद्देश्यों को प्राप्त किया। यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में समान विचारधारा वाले देशों के साथ रचनात्मक सहयोग और पारस्परिक विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

इसी महीने भारतीय नौसेना के दो समुद्री जहाज तीर व शार्दुल और भारतीय तटरक्षक जहाज वीरा ओमान की राजधानी मस्कट पहुंचे थे। लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती पर ये समुद्री जहाज मस्कट पहुंचे थे। भारतीय नौसेना के मुताबिक यह भारत एवं ओमान के बीच मौजूदा समुद्री व रक्षा संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है।

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