जेष्ठ माह के निर्जला एकादशी पर श्रद्धालुओं की सरयू तट पर उमड़ी भीड़। श्रद्धालुओं ने पहले किया सरयू स्नान फिर दिया दान ।

जिला संवाददाता, विनय मिश्र,
देवरिया।जेष्ठ माह के निर्जला एकादशी व्रत के अवसर पर आज बरहज सरयू तट पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने समर्थ के अनुसार दान भी किया ।जेष्ठ महीने में पढ़ने वाली
एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं स्कंद पुराण में बताया गया है कि आज के दिन जल दान करने का बड़ा महत्व है। मनुष्य को पुण्य फल प्राप्त होता है खासकर अगर
दान किया हुआ जल बहुत पवित्र माना जाता है इसके सेवन से शरीर के सभी रोगों का नाश होता है निर्जला एकादशी पर मनुष्य को पशु पक्षियो के लिए भी जल व्यवस्था करनी
चाहिए हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां होती है जब अधिक मास या मलमास आ जाता है तब इसकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती
है जेठ मास की शुक्ल पक्ष निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है इस माह की एकादशी पर सभी देवता ,दानव, नाग, गंधर्व ,किन्नर ,नवग्रह, आदि अपनी रक्षा और विष्णु की
कृपा पाने के लिए एकादशी का व्रत करते हैं एकादशी व्रत करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।और मनुष्य को धर्म अर्थ काम और मोक्ष चारों की प्राप्ति होती है आज की एकादशी का बड़ा ही महत्व है ।



