आजमगढ़:2023-24से 2025-26 तक क्रियान्वयन हेतु पीएम किसान योजना की जा रही है प्रस्तावित -जिला क़ृषि अधिकारी ने दी जानकारी

 

आजमगढ़:जिला कृषि अधिकारी डॉ0 गगनदीप सिंह ने बताया है कि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक क्रियान्वयन हेतु पी0एम0 प्रणाम योजना प्रस्तावित की गयी है। योजनान्तर्गत आगामी 03 वर्षो में रसायनिक उर्वरकों (डी0ए0पी0, यूरिया, एन0पी0के0 एवं एम0ओ0पी0 ) के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों यथा नैनो तरल यूरिया, नैनो तरल डी0ए0पी0, सल्फर कोटेड यूरिया ( यूरिया गोल्ड ) एवम् सिंगल सुपर फास्फेट को बढावा देने तथा कृषकों को संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग एवम् रासायनिक उर्वरको के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरको के महत्व के विषय में किसान पाठशाला एवम् मेला, गोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किये जाने के निर्देश दिये गये है।
उक्त के क्रम में जनपद के समस्त किसान भाइयों एवम् कृषक उत्पादक संगठनों को अवगत कराना है कि कृषि क्षेत्र में असंतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किये जाने के कारण मृदा स्वास्थ्य, कृषि उत्पादों एवम् पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड. रहा है। साथ ही साथ जल प्रदुषण एवं प्रदुषण में बृद्धि होने के कारण पशु, मानव एवं फसलों पर भी हानिकारक प्रभाव पड. रहा है। साथ ही साथ जल प्रदुषण एवं वायु प्रदुषण में बृद्धि होने के कारण पशु, मानव एवं फसलों पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। जिसके क्रम में आप सभी से अपील की जाती है कि मृदा परीक्षण के आधार पर वैज्ञानिक संस्तुतियों के अनुसार फसलों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें तथा यूरिया, डी0ए0पी0,एन0पी0के0 एवं एम0ओ0पी0 के स्थान पर वैकल्पिक उर्वरक यथा-नैनो तरल यूरिया, नैनो तरल डी0ए0पी0,सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) सिंगल सुपर फास्फेट, हरी खाद, जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट एवम फसल चक्र को अपनायें तथा जैविक एवं प्राकृतिक खेती की विधा को भी अपनाते हुए खेती करें। इससे खेती के लागत में कमी आयेगी तथा मृदा एवं पर्यावरण के स्वास्थ्य मे सुधार होने के साथ-साथ जो उत्पाद प्राप्त होगा, वह उच्च गुणवत्ता युक्त एवम मानव स्वास्थ्य के जिए लाभकारी होगा, जिसका बाजार मूल्य भी अधिक प्राप्त होगा, जिससे आप सभी के आय में भी बृद्धि होगी।इसी के साथ जनपद के कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य एवम, सहकारिता विभाग के अधिकारियों, क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि जनपद में संचालित किसान पाठशाला, ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत एवं जनपद स्तरीय गोष्ठी और समाचार पत्र, पत्रिकायें, कृषक उत्पादक संगठनों, इफ्को कृषक सेवा केन्द्र पी0सी0एफ0 कृषक सेवा केन्द्र, साधन सहकारी समितियों, औद्यानिक समितियों, निजी फुटकर उर्वरक केन्द्रों के माध्यम से कृषकों में वैकल्पिक उर्वरकों यथा-नैनो तरल यूरिया, नैनो तरल डी0ए0पी0, सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) एवम सिंगल सुपर फास्फेट अन्य जैविक उत्पाद के उपयोग हेतु प्रोत्साहित किया जाये। साथ ही समस्त उर्वरक विनिर्माता कम्पनी, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया है कि थोक एवं रिटेल उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उपरोक्तानुसार बैनर लगाने एवं कृषकों को वास्तविकता से अवगत कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

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