Azamgarh news:रास्ते की भूमि नहीं हुई कब्जामुक्त, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन,ग्रामीणों ने कहा एसडीएम को प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
रिपोर्ट:विवेकानंद पांडे
दीदारगंज – आजमगढ़:फूलपुर विकासखंड के ग्राम सभा इजदीपुर में ग्रामीणों ने गांव के एक व्यक्ति द्वारा खड़ंजे को उखाड़कर कब्जा कर दीवाल बनाने के विरोध में प्रदर्शन किया तथा उच्चाधिकारियों से कार्यवाही की मांग की ।प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सभा में लगभग 50 साल पुराना रास्ता है, जिस पर तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा 2001 में खड़ंजा भी लगवाया गया था, उसी रास्ते से गांव वाले आते जाते हैं, लेकिन बीते 26 जुलाई को गांव के अहसन अजीज उर्फ लल्ला व उनके परिवार वाले खडंजे को उखाड़ कर दीवाल उठाने लगे, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया किंतु वह नहीं माने और रास्ते को बंद कर दिए। जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा स्थानीय पुलिस को दी गई लेकिन कोई कार्यवाही ना होने पर उक्त प्रकरण के संबंध में उप जिलाधिकारी फूलपुर को लिखित प्रार्थना पत्र देकर ग्रामीणों ने दीवाल हटाकर रास्ते को कब्जा मुक्त कराने की मांग किया । प्रार्थना पत्र पर एसडीएम श्याम प्रताप सिंह ने नायब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षक को मौके पर जाने का निर्देश दिया। ग्रामीणों ने बताया कि 11 दिन बीत जाने पर भी ना तो कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा और ना ही खडंजे के रास्ते को कब्जा मुक्त कराया गया। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी से रास्ते को कब्जा मुक्त कराने की मांग किया है। वही ग्रामीणों ने आगे बताया कि गांव में जल निकासी के लिए एक नाली की व्यवस्था थी जिससे बरसात का पानी गांव के बाहर निकलता था उसे भी अहसन अजीज उर्फ लल्ला द्वारा नाली को बंद कर दिया गया है, जिससे इस बरसात के समय में बरसात में पानी की निकासी ना होने पर गंभीर समस्या उत्पन्न होगी। ग्रामीणों का कहना था कि तहसील के अधिकारी, कर्मचारी अहसन अजीज उर्फ लल्ला के प्रभाव में हैं, इसीलिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।इस संबंध में एसडीएम फूलपुर श्याम प्रताप सिंह ने बताया कि उक्त प्रकरण में टीम गठित की गई है, जल्द ही जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।विरोध प्रदर्शन करने वालों में सुनील कुमार राजभर, प्रमोद कुमार, जोगिंदर, मिठाई लाल, जयप्रकाश, हीरा, बासदेव, राधेश्याम राजभर, अमित बृजभान, रामचरित्र, मुकेश राजभर मुन्ना, कंचन गौड़, किसमत्ती सहित दर्जनों की संख्या में पुरुष व महिलाएं मौजूद थे।