उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

रिपोर्ट: राहुल पांडे

आजमगढ़।उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के तत्वाधान में नगर के एक प्रतिष्ठित होटल गरुड़ सभागार में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सभा के संरक्षक प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी जी ने किया। तत्पश्चात सभा के संयोजक साहित्यकार संजय कुमार पांडे ने गोष्ठी के मुख्य अतिथि जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन जय प्रकाश पांडे एवं विशिष्ट अतिथि श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशिकांत पांडे, पूर्व अधिक्षक डाक विभाग प्रभाकर त्रिपाठी अध्यक्षता कर रहे प्रेमी जी को अंगवस्त्रम व माल्यार्पण कर सम्मानित किया। सर्वप्रथम काव्य गोष्ठी का प्रारंभ राकेश पांडे सागर की सरस्वती वंदना से हुआ।कृष्णा आजमगढी ने अपनी बेहतरीन रचना प्रस्तुत की जो काफी सराही गई, मेरे सरगम को अपने स्वर दे जरा, गीत यूं ही मिलन के बनाता रहू। इसके उपरांत उपस्थित कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को देर रात तक आनंदित किया। कवि रत्नेश राय मां की भावनाओं से परिचित कराया , बालपन मेरा फिर से दिला दीजिए। दुर्गा आंचल में मां के सुला दीजिए। हास्य व्यंग की कवि शैलेंद्र मोहन राय अटपट ने अपनी रचना प्रस्तुत की। प्यारे पति सेवक बनो सुबह पिलाओ चाय सुना कर लोगों को हास्य की बरसात की। अमरीश श्रीवास्तव अंबर ने वर्तमान परिवेश पर अपनी रचना प्रस्तुत की। तुमने कई त्योहारों को किया है खराब। तुम्हें क्या शर्म नहीं आती है शराब। जितेंद्र कुमार नूर ने अपनी रचना प्रस्तुत की। जहां भी इश्क की चर्चा चलेगा। हमारा जिक्र ही पहला चलेगा। अजय कुमार गुप्ता अज्जू ने अपनी रचना, हम गरीबी मे भी जी के मुस्कुराना जानते हैं। संचालन कर रहे गीतकार विजेंद्र श्रीवास्तव करुण ने देश की राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत रचना प्रस्तुत की। पर्वत से ऊंचा हिमगिर है , नभ उससे भी ऊंचा। है मेरी जान तिरंगा मेरी पहचान तिरंगा। गीतकार राकेश पांडे सागर ने, ऋतु मन भावन है आया अब सावन है सुना कर लोगों को आनंदित किया। सभा के संयोजक साहित्यकार पत्रकार संजय कुमार पांडे ने सांप्रदायिक सद्भाव एवं भाईचारा बनाए रखने के लिए अपनी मुक्तक प्रस्तुत की। आज इस देश में यू माहौल बनाना होगा आग लगने की जगह फूल खिलाना होगा। कभी यह मजहबी झगड़े नहीं होंगे, प्रेम का पाठ अगर सब को पढ़ाना होगा सुना कर लोगों को सोचने को मजबूर कर दिया। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार प्रभु नारायण पांडे प्रेमी जी ने देश प्रेम पर अपनी रचना, तुम को मेरा प्रणाम मुल्क पर मरने वाले, हंसते-हंसते हुए फांसी पर वो चढ़ने वाले सुनाया तो पूरा माहौल गहरी राष्ट्रीयता में सांस लेने को मजबूर कर दिया। गोष्टी के मुख्य अतिथि जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन जय प्रकाश पांडे ने कहा कि कविता मनोरंजन का साधन नहीं है कवि अपनी कविताओं से समाज में आपसी सद्भाव एवं भाईचारे का संदेश देता है। विशिष्ट अतिथि श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशिकांत पांडे ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है साहित्य के द्वारा समाज में देश प्रेम भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है। ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के लिए संयोजक की बधाई दी। इस अवसर पर समाजसेवी कृपा शंकर पाठक संजीव तिवारी हिंद पैथोलॉजी के अनिल विश्वकर्मा शिव चंद्र विश्वकर्मा एडवोकेट अमरेंद्र राय विपिन धर्म प्रसाद यादव शिवा पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मनोज पांडे समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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