इजरायल-ईरान युद्ध का भारत पर भी असर होगा : राशिद अल्वी

Israel-Iran war will also affect India: Rashid Alvi

नई दिल्ली: इजरायल-ईरान युद्ध का असर भारत में भी पड़ सकता है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बुधवार को मिडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा, “एक तरफ रूस लड़ाई में उलझा हुआ है, दूसरी तरफ इजरायल लेबनान पर हमला कर रहा है। अब ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया है। ऐसे में विश्व युद्ध की स्थिति नजर आ रही है।

राशिद अल्वी ने कहा कि अमेरिका चाहे तो देशों के बीच चल रहे युद्ध को रोक सकता है। वह इजरायल से कह सकता है कि गाजा के अंदर बेगुनाह लोगों को न मारा जाए, लेबनान में लोगों को नहीं मारा जाए।

राशिद अल्वी ने कहा, “ईरान से हमारे बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। भारत ईरान से क्रूड ऑयल खरीदता है। अगर ईरान लड़ाई में शामिल हो जाता है तो इससे कहीं न कहीं पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा, भारत पर भी इसका असर होगा।”

पाकिस्तान में जाकिर नाइक द्वारा गोमांस पर दिए बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा, “जाकिर नाइक ने सही बात कही है। भारत में एक बड़ा हिस्सा गाय की इज्जत करता है। इसलिए, हर समुदाय के हर आदमी की आस्था की इज्जत करनी चाहिए। अगर भारत के अंदर करोड़ों लोग गाय की इज्जत करते हैं और चाहते हैं कि गोमांस न खाया जाए तो इसकी इज्जत करनी चाहिए। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के नेता जहां-जहां उनकी सरकार है, वहां पर कुछ और बोलते हैं और शेष देश में कुछ और बोलते हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस को राष्ट्र विरोधी बताया है। इस पर राशिद अल्वी ने पलटवार करते हुए कहा, “जहां-जहां उनकी सरकार है, वहां पर दलितों के साथ अत्याचार होता है। क्या यह भारत के अंदर उनको सिखाया गया है कि क्या यही देशभक्ति है, क्या यही दलितों के साथ अच्छा व्यवहार है। देश के अंदर सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन असेंबली में कांग्रेस ने दिया। प्रधानमंत्री एक भी काम ऐसा बताइए जो उन्होंने दलितों के लिए किया। सारा दलित भाजपा के खिलाफ है, क्योंकि उन्होंने दलितों के लिए कोई काम नहीं किया।”

मंगेश कुमार एनकाउंटर मामले में सुल्तानपुर के एसपी पर मामला दर्ज किया गया है। इस पर राशिद अल्वी ने कहा, “मुझे उत्तर प्रदेश की सरकार पर कोई भरोसा नहीं है। यह सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए किया गया है। एसपी से लेकर किसी पुलिसवाले का कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि उत्तर प्रदेश के अंदर जितने फेक एनकाउंटर हुए हैं, उतने पूरे देश के अंदर नहीं हुए। ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश के अंदर प्रशासन को खुली छूट है, जिसको चाहे एनकाउंटर के नाम पर मौत के घाट उतार दें। ह्यूमन राइट्स कमीशन भी इसकी जांच कर चुका है। उत्तर प्रदेश के अंदर 200 से ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं और वे फेक हैं।”

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