सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती पूर्वक पालन करे: राजा भाऊ सोनटक्के

 

MumbaiNews:रिपोर्ट:अजय उपाध्याय
मुंबई:सुप्रीम कोर्ट ने 23/06/2023 दिन शुक्रवार को ये स्पष्ट आदेश पारित कर दिया था कि 1947 से पहले ट्रांसफर किए गए किसी भी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का अधिकार नहीं होगा क्योंकि उसके कागज मान्य नहीं होंगे।
इसके अलावा… 1947 के बाद भी जिन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड अपना अधिकार जताता है… उनके कागज उसे दिखाने होंगे कि वे संपत्तियां उसके पास आई कहाँ से ?
अगर… वक्फ बोर्ड अपने किसी संपत्ति का प्रॉपर कागज नहीं दिखा पाता है तो सुप्रीम कोर्ट के 23/06/2023 शुक्रवार के फैसले के आलोक में वो जमीन/संपत्ति अपने मूल मालिक को वापस दे दी जाएगी। यदि जमीन / संपत्ति का मूल मालिक बंटवारे के बाद देश छोड़कर जा चुका है अथवा 1962 1965 1971 के युद्ध में पाकीस्तान का साथ देने के आरोप के कारण भाग गया है।तो, उस स्थिति में वो संपत्ति शत्रु संपत्ति अधिनियम 2017 के तहत सरकार की हो जाएगी।
हिंदू राष्ट्र सेवा संगठन महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष राजा भाऊ सोनटक्के ने चेंबूर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। सोनटक्के के अनुसार
ऐसी संपत्ति/जमीन जो कि वक्फ बोर्ड का नहीं होना चाहिए तो आप इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हवाला देते हुए संबंधित सरकार अथवा कोर्ट को सूचित कर सकते हैं।
और, सरकार / कोर्ट उस जमीन को वक्फ बोर्ड के अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए बाध्य होगी क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। और हाँ… अगर आपकी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है तो भी आप इस पोस्ट को अधिकाधिक लोगों/ग्रुप्स तक प्रचारित कर दें… ताकि, अगर किसी के जानकारी में ऐसा हो तो वो इस संबंध में उचित कदम उठा सके। ध्यान रहे कि… 1947 में बंटवारे के समय पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) को मिलाकर उन्हें लगभग 10 लाख 32 हजार स्क्वायर किलोमीटर जमीन दी गई थी और एक अनुमान के मुताबिक कम से कम इतनी ही जमीन/संपत्ति आज भारत में वक्फ बॉर्ड के कब्जे/रिकॉर्ड में है।

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