देहू में संत तुकाराम महाराज का 375वां वैकुंठ गमन समारोह, एकनाथ शिंदे को सम्मान
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मुंबई, 16 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के देहू में रविवार को संत तुकाराम महाराज को उनके 375वें वैकुंठ गमन दिवस पर याद किया गया। इस पवित्र अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु देहू पहुंचे। समारोह के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को देहू संस्थान की ओर से प्रथम संत तुकाराम महाराज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके सामाजिक कार्यों और जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए दिया गया है।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण में खुशी और कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “आज मेरा मन बहुत खुश है। वारकरी संप्रदाय के प्रति मेरा सम्मान पहले से दोगुना हो गया है। देहू संस्थान ने मुझ जैसे एक साधारण कार्यकर्ता को यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके लिए मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं और संस्थान का धन्यवाद करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि यह पुरस्कार सिर्फ उनका नहीं, बल्कि वारकरी श्रद्धालुओं, देश के किसानों और लाडली बहनों-भाइयों का भी है।
शिंदे ने इस पुरस्कार को अपनी जिम्मेदारी बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा, “इस सम्मान से मुझे समाजसेवा को और बेहतर करने की प्रेरणा मिली है। जिस पवित्र धरती पर छत्रपति शिवाजी महाराज और संत तुकाराम महाराज एक साथ मिले, उसी देहू की धरती पर मुझे यह पुरस्कार मिला। यह मेरे लिए गर्व की बात है।”
उन्होंने देहू संस्थान के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वे इस सम्मान को हमेशा याद रखेंगे।
संत तुकाराम महाराज का वैकुंठ गमन समारोह हर साल भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस बार यह आयोजन और भी खास बन गया, क्योंकि पहली बार यह पुरस्कार किसी शख्सियत को दिया गया। देहू में आज का माहौल भक्ति और उत्साह से भरा हुआ है। श्रद्धालु संत तुकाराम के भजनों और कीर्तन में डूबे नजर आए। एकनाथ शिंदे ने भी इस मौके पर वारकरी परंपरा की महिमा का बखान किया और इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया।
–आईएएनएस
एसएचके/केआर
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इनपुट. आईएएनएस के साथ