आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी इलाज से वंचित हो रहे हैं लोग 

राशनकार्ड न होने से गरीब मरीज नहीं ले पा रहे हैं आयुष्मान कार्ड का लाभ 

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। पूर्व सभासद एवं सपा नेता दानिश सिद्दिकी ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूट मची है। आयुष्मान कार्ड होने के के बावजूद भी गरीब मरीज के इलाज का पैकेज बनाने के नाम पर हजारों रुपए के जांच करा दिए जा रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि उसके बाद मरीज को आयुष्मान के अंतर्गत लेकर इलाज किया जाता है। जबकि पहले कराएं गए जांच के रुपए को वापस नहीं किया जाता। हालांकि आयुष्मान कार्ड से 5 लाख रुपए का मुक्त इलाज की व्यवस्था की गई है। जिसमें जांच भी शामिल हैं। श्री सिद्दिकी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड आर्थिक रूप से कमजोर व गरीबों का बनाया गया है। प्राइवेट अस्पताल वाले तो जांच के नाम पर उन मरीजों का हजारों रुपए खर्च कराकर उनका कमरतोड़ दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह निजी अस्पतालों के संचालकों को आदेशित करें कि गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज जब इलाज के लिए हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्डधारक पहुंचे तो उनको तत्काल भर्ती कर जो भी जांच आदि कराया जाना है। वह आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत ही कराया जाए। इमरजेंसी के नाम पर गरीब मरीजों को लूटा न जाए। श्री सिद्दिकी ने कहा कि जिनके पास आयुष्मान कार्ड है। उनमें से अधिकांश ऐसे भी हैं जिनके पास राशनकार्ड नहीं है। वह राशनकार्ड बनवाने के लिए संबंधित विभाग के पास आवेदन किए हैं। लेकिन विभागीय लापरवाही से उनका राशनकार्ड नहीं बन पा रहा है। चूंकि अस्पताल द्वारा इलाज के लिए राशनकार्ड भी मांगा जाता है। लेकिन राशनकार्ड न होने के कारण वें आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने से वंचित रह जा रहे हैं। ऐसे में उन लोगों का राशनकार्ड बनना चाहिए।

 

चित्र परिचय: दानिश सिद्दिकी।

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