हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद ईवीएम के मुद्दे पर बंटा विपक्ष, कांग्रेस को सहयोगियों से मिल रही नसीहत

After the defeat of Congress in Haryana, the opposition is divided on the issue of EVM, Congress is getting advice from allies

 

नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जहां जीत को लेकर आश्वस्त थी, वहीं पार्टी के अति आत्मविश्वास को वहां की जनता ने तगड़ा झटका दिया और ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए भाजपा ने यहां तीसरी बार सत्ता में वापसी कर ली है। इस सब के बीच चुनाव नतीजे के आते ही कांग्रेस पार्टी ने ईवीएम का रोना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के नेता हरियाणा में पार्टी की हार को पचा नहीं पा रहे हैं।

 

कांग्रेस हरियाणा चुनाव में पार्टी के पक्ष में आए जनता के फैसले को सिरे से खारिज कर रही है और इस हार का पूरा ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर फोड़ रही है। कांग्रेस के नेता तो यहां तक कहने लगे कि उनकी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों ने बताया कि जिन ईवीएम की बैटरी 99 फीसदी तक चार्ज थी, वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। जबकि, जहां पर ईवीएम मशीन की बैटरी 60 से 70 प्रतिशत तक चार्ज थी, वहां कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई।

कांग्रेस पार्टी के नेता इस मामले को लेकर चुनाव आयोग के पास गए। जबकि, कांग्रेस पार्टी के इस दावे को पहले ही चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था।

राहुल गांधी ने भी इसको लेकर सोशल मीडिया पर लिखा कि हम हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजे का विश्लेषण कर रहे हैं। अनेक विधानसभा क्षेत्रों से आ रही शिकायतों से चुनाव आयोग को अवगत कराएंगे।

वहीं, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर चुनाव में गठबंधन सहयोगी उमर अब्दुल्ला ने कह दिया कि कांग्रेस को हरियाणा में अपनी हार के कारणों का पता लगाने के लिए आत्मचिंतन करना चाहिए।

हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार का असर अब दिल्ली तक दिखने लगा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का फैसला सुना दिया है। वहीं, कांग्रेस की हार पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी तंज कसा।

राघव चड्ढा ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती, आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।”

दूसरी तरफ हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि हमने गठबंधन के लिए प्रयास किया था। हमने गठबंधन धर्म निभाते हुए इसके लिए प्रयास किया था। लेकिन, कांग्रेस के नेताओं के बयान गठबंधन को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

कांग्रेस को नसीहत देते हुए शिवसेना (उद्धव) गुट की तरफ से ‘सामना’ में लिखा गया कि कांग्रेस को हरियाणा वाली गलती महाराष्ट्र में नहीं करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी से गठबंधन न करके कांग्रेस ने हरियाणा में गलती की।

इसके साथ ही कांग्रेस की सीनियर नेता और हरियाणा की पूर्व प्रभारी मार्ग्रेट अल्वा ने अपनी पार्टी को स्थानीय चुनाव पर फोकस करने की नसीहत दे दी।

वहीं, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी सपा ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के साथ यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए उसे भाव देना ही छोड़ दिया। समाजवादी पार्टी की तरफ से 10 में से 6 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की सूची जारी कर दी गई। जबकि, यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय की मानें तो उनसे सीटों के बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हुई है।

मतलब साफ है कि हरियाणा चुनाव के नतीजे के बाद ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष बंट गया। कांग्रेस जहां इस हार के लिए ईवीएम का रोना रो रही है। वहीं, सपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आप, शिवसेना (उद्धव) समेत कई विपक्षी पार्टियां उल्टा कांग्रेस को नसीहत दे रही हैं।

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