शिव बारात की कथा सुन झूम उठे श्रद्धालु।

रिपोर्ट विनय मिश्रा

देवरिया।भाटपार रानी में चल रहे शत चंडी महायज्ञ में दिन भर के हवन पूजन के बाद शाम को कथा व्यास रिचा मिश्रा द्वारा भगवान शिव के बारात की कथा का व्यास पीठ के पूजन के बाद प्रारंभ किया। उन्होंने शिव विवाह की बारात की चर्चा करते हुए कहा कि जब भगवान शिव का विवाह होता हो गया। तो सारे देवता अपने-अपने वहां से भगवान शिव के बारात में जाने की तैयारी करने लगे। भगवान शिव ने अपने को अकेले जानकर अपने गणो को बुलवाया और अपने बारात की चर्चा की भगवान शिव के गणों ने एक बार श्रृंगी बजाय पूरे संसार के भूत प्रेत सकनी डाकिनी सब के सब इकट्ठे हो गए। और भगवान भोलेनाथ को दूल्हा बनने के लिए श्रृंगार करने लगे किसी ने गले में खोपड़ियों की माला पहनाई तो किसी ने अंग में भभूति लगाई कुछ भूतों ने सर्प की माला तो कुछ गणों ने सांपों का मौर बनाया ।और वस्त्र की जगह पर बाबा ने बाघबर लपेट लिया बाबा की बारात कैलाश पर्वत से होकर हिमाचल राज की तरफ चल पड़ी उधर देवता पहले ही पहुंच चुके थे देवताओं के वाहन और देवताओं को देखने के बाद हिमाचल नगर के लोग कहने लगे जिससे बारात में इतनी सुंदर-सुंदर लोग आए हो उसे बारात का दूल्हा कितना सुंदर होगा ।लेकिन वही जब भगवान शिव नदी पर विराजमान होकर हिमाचल के वहां अपने गणो के साथ पहुंचे तो बारात को देखकर के लोग घबरा गए यह कैसी विचित्र बारात है। कथा के दौरान भूपेंद्र सिंह, उदय नारायण सिंह ,सतीश बरनवाल, हरचरण कुशवाहा, विनय पांडे, राजेश गुप्ता, देवेश , राजेश वर्मा ,विक्रांत वर्मा ,रामदास गुप्ता ,डॉक्टर जयप्रकाश नारायण, सहित अन्य श्रद्धालुओं उपस्थित रहे।

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