गाजीपुर:विद्या–सागर मानद उपाधि से विभूषित हुए ग्रीनमैन डा.अरविन्द कुमार
रिपोर्ट: सुरेश चंद पांडे
गाजीपुर: काशी सेवा समिति के महामना मालवीय सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर के जनसंपर्क अधिकारी इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के संयोजन/संचालन में तथा विक्रमशिला के कुलपति डॉ संभाजी राजाराम बाविस्कर, वैश्विक हिन्दी महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विजेंद्र विजयानन्द के अध्यक्षता में विगत दिन जनपद के जखनिया मुड़ियारी ग्रामसभा निवासी डा.अरविंद कुमार आजाद ‘ग्रीनमैन’ को विद्या सागर मानद उपाधि से विभूषित किया गया। इससे पहले भी डा.अरविंद कुमार को विभिन्न साहित्यिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा कई उत्कृष्ट पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। बता दें कि
विगत माह नेपाल पोखरा में आयोजित नेपाल भारत अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में अन्तर्राष्ट्रीय नेपाल भारत साहित्य रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था।विगत वर्ष चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में आयोजित विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर द्वारा इन्हें विद्या वाचस्पति डॉक्टरेट की मानद् उपाधि से सम्मानित किया गया। तथा मेरठ विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में क्रांतिधरा साहित्य अकादमी ने इन्हें ‘पर्यावरण प्रहरी’ अवार्ड से सम्मानित किया। अटल स्मृति क्रांतिधरा ग्रीनमैन सम्मान, राष्ट्रहित प्रतिभा सम्मान,भोपाल में रामधारी सिंह दिनकर स्मृति सम्मान,राष्ट्रीय सूर वातायन प्रसून सम्मान,पूर्वांचल रत्न,सम्मान, साहित्य श्री सम्मान सहित विभिन्न सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं।
ये सम्मान इन्हें साहित्य,पर्यावरण संरक्षण एवं जागरूकता के क्षेत्र में बेहतर प्रयास एवं सामाजिक क्षेत्र की पंजी.सामाजिक संस्था रूलर डेवलपमेंट एवं रिसर्च फाऊंडेशन के साथ जुड़कर निर्धन गरीब परिवार की बेटियों की शादी में सहयोग तथा निर्धन बच्चों के पढ़ाई में सहयोग इनका सराहनीय योगदान है।
इस सम्मान समारोह में महोत्सव में प्रदेश के साहित्यिक सामाजिक व पत्रकारिता जगत की विभिन्न विभूतियों की सहभागिता रही। मुख्य अतिथि डॉ संभाजी राजाराम बाविस्कर -कुलपति -विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ ने कहा कि हिन्दी की बिंदी हम सब ना बिगाड़ें संसार की सबसे शुद्ध आचार, विचार, संस्कार के साथ संस्कृत और हिन्दी को अहिंदी भाषी क्षेत्रों के अनेकों लोगों द्वारा अपनाया जा रहा है। हम सब हिन्दी भाषी अपनी मातृभाषा से दूर हो रहें हैं। जिसका परिणाम हिन्दी और हिन्दुस्तान के लिए खतरनाक हो सकता है। जिससे जागरूकता के क्रम में विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ परिवार जन-जन को जागृत करने के लिए क्रमबद्ध तरीके से संपूर्ण संसार में यह विशेष मानद सम्मान समारोह में जनजागरण कर रही है।