मुख्तार अंसारी से जेल में मिलने पहुंची उनकी बहू निकहत पोते को गले लगा कर दादा ने कहीं यह बात ना अमीर हूं ना गरीब हूं फिर भी मैं कितना बदनसीब हूं
रिपोर्टर रोशन लाल
बिलरियागंज
हिंद एकता टाइम
यूपी के बांदा जेल में बन्द मुख्तार अंसारी से मिलने सोमवार को उनकी बहू निखत अपने बेटे संग पहुचीं। जहां मुख्तार ने पोते को देखते ही गले लगा लिया और कहा मैं बदनसीब हूं, खुशियों की जगह परिवार को तकलीफ दे रहा हूं।जेल में मुलाकात के दौरान बहू निखत और मुख्तार ने एक दूसरे का हालचाल जाना। इसके बाद निखत वापस लौट गईं।जेल अधीक्षक ने मुलाकात की पुष्टि करते हुए बताया कि निखत को जेल मैनुअल के अनुसार मुलाकात कराई गई है। इसके बाद वह वापस चली गईं। इस दौरान सुरक्षा को देखते हुए सभी को अलर्ट किया गया था।जानकारी के मुताबिक, सोमवार को निखत अपने बेटे संग मंडल कारागार बांदा मुख्तार अंसारी से मिलने पहुचीं।जेल प्रशासन के मुताबिक, करीब आधे घंटे से एक घंटे के बीच मुलाकात के बाद वह बाहर आ गईं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। जेल प्रशासन के मुताबिक, मुलाकात के दौरान मुख्तार ने अपने पोते यानी निखत के बेटे को सीधे गोद में लेकर सीने से लगा लिया और कहा कि मैं बदनसीब दादा हूं। खुशियों की जगह तकलीफ दे रहा हूं। फिर पोते को प्यार किया। बहु निखत से कहा कि समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। हो सकता है अल्लाह को यही पसंद रहा होगा।जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि निखत ने मुलाकात की अर्जी डाली थी, जिसके बाद उनकी मुलाकात मुख्तार अंसारी से हुई है। निखत के साथ उनका बेटा भी था। CCTV के साथ-साथ सभी को सुरक्षा की दृष्टि से अलर्ट किया गया था। मुलाकात के बाद वह वापस लौट गईं।