दिल्ली-एनसीआर में खराब आबोहवा के बाद ग्रैप लागू, जानें किन-किन चीजों पर होती है पाबंदी
GRAP implemented after bad air quality in Delhi-NCR, know which things are banned
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खतरे के निशान के पार पहुंच गया है। दिल्ली एनसीआर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां का एक्यूआई 300 से ज्यादा है। स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एनसीआर में ग्रैप का पहला चरण लागू कर दिया है। ऐसे में आईए जानते हैं कि ग्रैप के कितने चरण होते हैं और किस चरण में किन-किन चीजों पर पाबंदी होती है।
एक्यूआई 201 से 300 के बीच रहने पर ग्रैप का पहला चरण लागू किया जाता है। इसमें निर्माण और विध्वंस से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन से संबंधित निर्देश लागू होते हैं। खुली जगहों पर कचरा जलाने और फेंकने पर रोक लगाई जाती है। नियमित रूप से कूड़ा उठाने के निर्देश दिए जाते हैं। सड़कों पर धूल उड़ने से रोकने के लिए कुछ दिनों के अंतराल पर पानी का छिड़काव किया जाता है। डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है और पीयूसी के नियमों को सख्ती से लागू किया जाता है। वाहनों से निकलने वाले धुएं पर सख्ती बरती जाती है।
एक्यूआई 301 से 400 के बीच होने पर ग्रैप का दूसरा चरण लागू किया जाता है। इसमें अस्पतालों, रेल और मेट्रो सेवाओं को छोड़कर अन्य जगहों पर डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाता है। रोजाना सड़कों की साफ-सफाई और पानी का छिड़काव किया जाता है। फैक्ट्रियों में केवल उचित ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। लोगों को सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाई जाती है, निर्माण स्थलों पर निरीक्षण बढ़ा दिया जाता है।
एक्यूआई 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण लागू किया जाता है। इसमें हर दिन सड़कों की सफाई की जाती है, नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाता है। निर्माण और विध्वंस से निकलने वाले धूल और मलबे का सही तरीके से निष्पादन किया जाता है। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है।
एक्यूआई 450 से अधिक होने पर ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है। इस चरण में ट्रक, लोडर जैसे भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने पर रोक लगा दी जाती है। केवल आवश्यक सामग्री वाली आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है। सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं और सरकारी तथा निजी कार्यालयों के लिए घर से काम करने का निर्णय भी ले सकती है। ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन ऐसा करने के लिए राज्य सरकार को अधिकार दिए गए हैं।