मुंबई:प्रधानमंत्री मोदी का सपना भारत के हर युवा बने सशक्त, नशामुक्त और चरित्रवान :बाबू भाई भवानजी
हर घर में स्वामी विवेकानंद, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप जैसे महान वीर पुरुषों की भरमार हो
रिपोर्ट/अजय उपाध्याय
मुंबई: वरिष्ठ भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उप महापौर बाबू भाई भवानजी ने कहा है कि देश के युवा ही विकसित और संस्कारिक भारत का निर्माण कर सकते हैं। आज बोरीवली में आयोजित एक युवा संस्कार शिविर में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए भवानजी ने कहा कि देश और समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन युवा ही ला सकते हैं। आज भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज युवाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे मोदी जी के विजन को आगे बढ़ाते हुए एक मजबूत, समृद्ध और संस्कारवान भारत का निर्माण करें।
गौरतलब है कि युवाओं से देश के विकास में अपना योगदान देने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘विकसित भारत 2047: युवाओं की आवाज’ पहल की शुरुआत की। इसके लिए शुरू किए गए पोर्टल पर युवा भारत को विकसित बनाने के लिए अपने सुझाव दे सकते हैं। कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें युवा पीढ़ी को इस तरह से तैयार करना होगा कि वह देश को नेतृत्व प्रदान करे तथा राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की युवा शक्ति ‘परिवर्तन की एजेंट’ और ‘परिवर्तन की लाभार्थी’ दोनों है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र को इतिहास एक मौका देता है जब वह अपनी विकास यात्रा में तेजी से प्रगति कर सकता है। भारत में अभी अमृत काल चल रहा है और यह भारत के इतिहास का वह कालखंड है जब देश एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है।
उन्होंने आस-पास के कई देशों का उदाहरण दिया, जिन्होंने एक निर्धारित समय सीमा में इतनी लंबी छलांग लगाई कि विकसित राष्ट्र बन गए। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यही समय है, सही समय है। इस अमृत काल के प्रत्येक क्षण का उपयोग किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने एक ऐसी अमृत पीढ़ी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जो राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखे। प्रधानमंत्री आजादी की 75वीं वर्षगांठ से 100वीं वर्षगांठ तक के सफर को अक्सर अमृत काल कहते हैं।
उन्होंने शिक्षा और कौशल से आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया और नागरिकों के बीच राष्ट्रीय हित और नागरिक भावना के लिए सतर्कता का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब नागरिक अपना कर्तव्य निभाना शुरू कर देते हैं, तो देश आगे बढ़ता है।
उन्होंने जल संरक्षण, बिजली की बचत, खेती में कम रसायनों का उपयोग और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का उदाहरण दिया। उन्होंने शिक्षाविद् समुदाय से स्वच्छता अभियान को नई ऊर्जा देने, जीवनशैली के मुद्दों से निपटने और युवाओं द्वारा मोबाइल फोन से परे दुनिया की खोज करने के तरीके सुझाने को कहा। प्रधानमंत्री ने कुलपतियों और शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों से छात्रों के लिए आदर्श बनने का भी आह्वान किया।
देश की तेजी से बढ़ती आबादी में युवाओं की संख्या का उल्लेख करते हुए मोदी ने बताया कि भारत आने वाले 25-30 वर्षों तक कामकाजी उम्र की आबादी के मामले में अग्रणी बनने जा रहा है और दुनिया इस बात को समझती है। अगले 25 साल आज के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में युवाओं के करियर के लिए निर्णायक होंगे।