Azamgarh :वर्मा श्याम दुलारी विद्यालय मे किया गया खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन

वर्मा श्याम दुलारी विद्यालय मे किया गया खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन

रिपोर्टर रोशन लाल

आजमगढ़ रौनापार में स्थित वीएसडी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रांगण में बाल दिवस के अवसर पर खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन धूम धाम से किया गया । कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय के संस्थापक श्री ओमप्रकाश वर्मा , निदेशक अमित वर्मा , ट्रस्टी सुशील वर्मा के साथ श्री कृष्णपाल (जिला अध्यक्ष भाजपा ) , घनश्यामसिंह पटेल (महामंत्री भाजपा किसान मोर्चा) ,अरविंद जैसवाल (क्षेत्रीय उपाध्यक्ष गोरखपुर) , प्रवीण सिंह (वरिष्ठ भाजपा नेता), अतुल मिश्रा (थाना अध्यक्ष – रौनापार) , आशीष गुप्ता (वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता) , राजबहादुर सिंह (भाजपा नेता) , शिवकुमार मौर्य ( मंडल अध्यक्ष रौनापार) एवं अन्य वरिष्ठ बीजेपी कार्यकर्ता और सैकड़ों अभिभावकों के उपस्थिति में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया । विद्यालय के बच्चो ने चाचा नेहरू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कई बातें साझा की ।

खेल-कूद प्रतियोगिता में वीएसडी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की सभी संस्थाओं (वर्मा श्यामदुलारी इंटरनेशनल स्कूल , वर्मा श्यामदुलारी पी.जी कॉलेज , बीएड , बीटीसी, फार्मेसी कॉलेज , आईटीआई) के अनेकों बच्चो ने खेल कूद प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

प्रथम खेल दौड़ 100 मीटर , 200 मीटर का शुभारंभ अतिथियों द्वारा अग्नि प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया।

दौड़ के पश्चात खो-खो (महिला और पुरुष) , कबड्डी (महिला और पुरुष) , वॉलीबॉल आदि विभिन्न खेले का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया । बच्चे और अभिभावकों ने कार्यक्रमों का जमकर लुफ्त उठाया। अपने संबोधन में निदेशक अमित वर्मा ने कहा कि हर वर्ष संस्था 14 नवम्बर को चाचा नेहरू के जन्म दिवस के अवसर पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन बच्चों के बीच कराया जाता है ताकि छात्रों के तनाव को कम कर उन्हें एक स्वस्थ माहौल दिया जा सके। खेल से बच्चों का बौद्धिक व मानसिक विकास होता है।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ ए बी सिंह , प्रधानाचार्या मनोज शर्मा एवं राजेंद्र राम ने भी अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष डॉ गुलाब चंद्र ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में बृजेश यादव , मोहम्मद अब्दुल्ला , गगन मिश्रा , वर्तिका मालवीय एवं संस्था के सभी कर्मचारी और अध्यापकगण का अहम योगदान रहा ।

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