हथियार निर्यात में ‘मेड इन इंडिया’ की धूम, अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया शीर्ष खरीदार
'Made in India' dominates arms exports, US, France and Armenia top buyers
नई दिल्ली:भारत का हथियार निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की ओर से 21,083 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया गया था। भारत से रक्षा उपकरण खरीदने वालों में करीब 100 देश शामिल हैं।
भारत द्वारा इन देशों को किए जाने वाले रक्षा निर्यात में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, डोर्नियर-228 विमान, आर्टिलरी गन, रडार, आकाश मिसाइल , पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद वाहन जैसे कुछ पूर्ण हथियार प्रणालियां और प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
भारत की ओर से सबसे ज्यादा रक्षा उपकरणों का निर्यात अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया को किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्मेनिया आकाश वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और 155 मिमी आर्टिलरी गन जैसे ‘तैयार’ हथियार प्रणालियों का सबसे बड़ा ग्राहक बनकर उभरा है।
अमेरिका को एयरक्राफ्ट और हेल्टीकॉप्टर में उपयोग होने वाले पार्ट्स का निर्यात भारत द्वारा किया जाता है।
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि हैदराबाद में टाटा बोइंग एयरोस्पेस वेंचर अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए पार्ट्स बना रहा है। इसके बदले में फ्रांस बहुत सारे सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात कर रहा है।
मंत्रालय के मुताबिक, रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति देश की प्रतिबद्धता हमें रक्षा उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा रही है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में देश का रक्षा निर्यात 11,233 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। पिछले साल की इसी अवधि में भारत का रक्षा निर्यात केवल 6,342 करोड़ रुपये था। इस प्रकार इसमें 77 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।
बीते 10 वर्षों में देश के रक्षा निर्यात में लगभग 10 गुना की वृद्धि हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 10 साल पहले 2014-15 में केवल 1,941 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों का निर्यात होता था। वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 21,083 करोड़ रुपये हो चुका है।