कबतक रहेगी ऐसे डॉक्टर की खैर गोली लगी बांये पैर मे मेडिकल में दिखा दिया दाहिना पैर,मामला सरकारी जिला चिकित्सालय आजमगढ़ का

रिपोर्ट:रोशन लाल

पट्टीदारी विवाद में गोली लगने से घायल युवक का जिला अस्पताल आजमगढ़ में उपचार चल रहा है पीड़ित पक्ष ने पुलिस द्वारा अभियुक्तों पर कोई कार्यवाही न करने का भी आरोप लगाया है,जानकारी के अनुसार आजमगढ़ जनपद के सरायमीर थाना अंतर्गत खानपुर निवासी अरविंद यादव पुत्र स्वर्गीय हनुमान यादव की बहन द्वारा बताया कि उसके पिता हनुमान यादव की हार्ट अटैक से इलाज के दौरान मृत्यु हो गई जिनकी 24 जनवरी 24 को तेरहवीं थी। अरविंद यादव इस कार्यक्रम के बाबत सुबह 6:30 बजे आम की लकड़ी लेने घर से 300 मीटर की दूरी पर ठेला लेकर गया हुआ था तभी उसके पड़ोस के कुछ लोगों ने उसे घेर कर बाएं पैर के जंघे में गोली मार दी जो आर पार हो गई जिसकी सूचना मिलते ही मौके पर सरायमीर थाने की पुलिस पहुंचकर घायल भाई को इलाज के लिए सीएचसी खरेवा ले गए जहां डॉक्टर की अनुपस्थिति में घायल को पुलिस द्वारा जिला चिकित्सालय आजमगढ़ में मेडिकल और इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां मौके पर डॉक्टर मोहम्मद अजहर द्वारा मेडिकल रिपोर्ट में लेसरेटेड बुन्ड 0.5×5 सीएम को बाएं पैर की बजाय दाहिने पैर में चोट दिखाया गया। डॉक्टर की इस गलत रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा अपराधियों पर कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई पीड़ित पक्ष द्वारा इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक को भी दी गई और इस मामले का दोबारा डॉक्टरो का मेडिकल पैनल बनाकर जांच कराने का आग्रह किया गया। इस बाबत जब सीएमएस अमोद कुमार से पत्रकार द्वारा वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर मोहम्मद अजहर के द्वारा मानवीय भूल से बाएं पैर की बजाय दाहिने पैर में चोट होना दिखाया गया है। जिसका बाद में सुधार किया गया लेकिन गोली लगने के मामले में उन्होंने बताया कि यह जांच का विषय है इस बारे में हम कुछ नहीं बता सकते। सीएमएस ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेश से डॉक्टरों के पैनल द्वारा दो दिन में जांच कराई जाएगी यह बात मेरे संज्ञान में आई है। जबकि पीड़ित पक्ष द्वारा उस समय थाने पर नामजद तहरिर दे कर लग भग आधा दर्जन लोगों को मुल्ज़िम बताया गया है। उक्त मामले में पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए नामजद अभियुक्तों पर मुकदमा अपराध संख्या 37/2024 धारा 307,506,34 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था लेकिन गलत मेडिकल रिपोर्ट की वजह से पुलिस कार्यवाही करने में असमर्थ दिख रही है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस भी मेरे ही परिवार को परेशान कर रही है बार-बार थाने पर बुलाया जा रहा है और हम लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात की जा रही है पूरे मामले में पीड़ित पक्ष काफी सहमा हुआ दिख रहा है अब आगे देखना है कि डॉक्टरों का पैनल क्या रिपोर्ट देता है और फिर पुलिस क्या कार्रवाई करती है।

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