डीएम विशाल भारद्वाज ने भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन व्यक्त किया तथा सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी

आजमगढ़: कलेक्ट्रेट सभागार में भारत रत्न बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की 134वीं मनाई गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन व्यक्त किया तथा सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।अधिकारियों/कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व का अनूठा स्वतंत्रता संग्राम था, जिसमें डॉ आंबेडकर बहुमूल्य योगदान दिया है।

 

 

जिलाधिकारी ने कहा कि आजादी प्राप्त होने से पहले हमारा देश लगभग 1300 वर्षों तक गुलाम रहा। देसी एवं विदेशी आक्रांताओं को झेल चुका था, जिसके कारण समाज का कुछ वर्ग अत्यंत निर्बल एवं सामाजिक दृष्टि से काफी पिछड़े एवं दबे हुए थे । बहुत से राजनेताओं ने उन विभेदनकारी नीतियों का विरोध किया, उसी कड़ी में बाबा साहब अंबेडकर भी आए। अंग्रेजी शासन से आजादी के लिए लड़ाई में सभी वर्गों का योगदान देना आवश्यक था,इसी कारण आजादी प्राप्ति के बाद सच्ची भावना के साथ लोकतंत्र आया, जब संविधान अंगीकृत किया तथा सभी को समान अधिकार प्राप्त हुआ। जिलाधिकारी ने कहा कि डॉ0 भीमराव अंबेडकर के अंदर शिक्षा के प्रति गहरा लगाव था, इसमें कोई शक नहीं कि वह उसे समय देश के सबसे विद्वान राजनेताओं में से एक थे, उन्होंने विश्व के सबसे अच्छे विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की तथा डिग्रियां हासिल किया,

 

 

जिसका लाभ उन्हें संविधान सभा का अध्यक्ष बनकर एवं भारत का पहला कानून मंत्री बनकर प्राप्त हुआ। जिलाधिकारी ने कहा कि यह लोकतंत्र की मजबूती ही है कि किसी भी वर्ग का कोई व्यक्ति अपनी शिक्षा और क्षमता के बल पर सर्वोच्च पद को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान विश्व के सबसे बड़े सबसे बड़े संविधान में से एक है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने बतौर संविधान समिति के अध्यक्ष संविधान बनाते समय समाज के हर वर्ग, हर तबके का ध्यान रखा। भारतीय संविधान में भारत के नगारिक को समान अधिकार दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि हिंदू कोड बिल में परिवर्तन कर डॉ अंबेडकर जी ने महिलाओं को समान अधिकार दिए, हालांकि इसके लिए उन्हें काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहे, जिसकी वजह से आज महिलाएं हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर रही हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आजाद भगत सिंह ने कहा कि संवैधानिक दायरे में रहकर अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करें, यही बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि हम जहां भी जिस भी पटल पर है, वहां स्वयं को रखकर सोचें और हर जरूरतमंद की मदद करें तो निश्चित ही समाज की दशा और दिशा बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग शिक्षित बने, शिक्षा से बढ़कर कोई धन नहीं है।

 

 

डा0 भीम राव अम्बेडकर ने कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने जो संवैधानिक व्यवस्था बनाई वह अपने आप में विशिष्ट है। उन्होंने कहा कि हम विविधताओं, विषमताओं, असमानताओं के बावजूद एक बने हुए हैं तो इसका बहुत बड़ा कारण हमारा संविधान ही है। कार्यक्रम का संचालन अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री राहुल विश्वकर्मा ने किया।इसी के साथ ही सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने भी डॉ0 अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित किया।इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री आज़ाद भगत सिंह,उप जिलाधिकारी न्यायिक सदर श्री अतुल कुमार गुप्ता,एक्स्ट्रा मजिस्ट्रेट रोहित यादव तथा कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button