रिश्वत लेने के आरोपी इंजीनियर को रांची सीबीआई कोर्ट ने चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई
Ranchi CBI court sentenced the engineer accused of taking bribe to four years of rigorous imprisonment
रांची: रांची की सीबीआई कोर्ट ने रिश्वत लेने के मामले में केंद्र सरकार की कंपनी सीएमपीडीआई (सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट) के सिविल इंजीनियर उमाशंकर कुमार को दोषी करार देते हुए चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उन पर आठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला सात वर्ष पुराना है।
सीबीआई की टीम ने सीएमपीडीआई के रांची हेडक्वार्टर में पदस्थापित सिविल इंजीनियर को नवंबर 2017 को 13 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ नंद गोपाल त्रिपाठी नामक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में कहा गया था कि इंजीनियर उमाशंकर कुमार अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बैंक गारंटी और सिक्योरिटी के एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
सीबीआई के एसपी के निर्देश पर डीएसपी ने इसे सत्यापित किया था। प्री-ट्रैप मेमोरेंडम तैयार करने के बाद उन्हें पकड़ने की योजना बनाई गई। ट्रैप के दौरान उन्हें 13 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
सीबीआई ने इस मामले में कांड संख्या आरसी 09(ए)/2017-आर के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
चार्जशीट जमा करने के बाद चले ट्रायल के दौरान सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सोमवार को सजा सुनाई।
अदालत में सीबीआई की ओर से वरीय लोक अभियोजक प्रियांशु कुमार सिंह ने पक्ष रखा था।