गाजीपुर:केले के उत्पादन से किसानों का होगा आर्थिक विकास- डीएम

रिपोर्ट:सुरेश चंद पांडे

गाजीपुर। जिले का केला अब जिले के आर्थिक विकास को रफ़्तार देगा। केले के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल कर कई उत्पाद तैयार करने की योजना है जिलाधिकारी गाजीपुर आर्यका अखौरी ने बताया कि केले के उत्पादन से किसानों की आर्थिक विकास की संभावना है ब्लॉक कासिमाबाद के मुबारकपुर नेत के प्रगतिशील किसान अवनीश कुमार राय उर्फ अंशु राय ने अपने फार्म की प्राकृतिक केले को जिलाधिकारी महोदय को दिखाए तथा बताया कि जी -9 प्रजाति के केले की खेती करने से हमको बहुत लाभ हुआ है इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र अंकुशपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा हेड डॉ आर आर सी वर्मा, वैज्ञानिक डॉ अविनाश कुमार राय, डॉ शशांक शेखर तथा गाजीपुर जिले के कृषि उपनिदेशक श्री अतिंद्र सिंह जी भी मौजूद रहे कृषि विज्ञान केंद्र अंकुशपुर के वैज्ञानिकों ने बताया कि जी -9 प्रजाति के केले की खेती करने से प्रति एकड़ एक लाख की लागत आती है तथा चार लाख का शुद्ध मुनाफा होता है इस वैरायटी की सबसे बड़ी खासियत है कि इस पर पनामा विल्ट बीमारी का प्रकोप कम रहता है इस प्रजाति का केला लैब में तैयार किया जाता है इसके पौधे छोटे व मजबूत होते हैं जिससे आंधी – तूफान में टूट कर गिरने की संभावना न के बराबर होती है यह केला 11 महीने में तैयार हो जाता है।

غازی پور۔ ضلع کا کیلا اب ضلع کی معاشی ترقی کو تیز کرے گا۔ ڈسٹرکٹ کلکٹر غازی پور آریکا اکھوری نے کہا کہ کیلے کی پیداوار کسانوں کی معاشی ترقی کی صلاحیت رکھتی ہے۔بلاک قاسم آباد کے مبارک پور نیٹ کے ترقی پسند کسان اوینیش کمار رائے عرف انشو رائے نے اپنے فارم سینئر سائنسدان اور زرعی سائنس مرکز، انکش پور کے سربراہ ڈاکٹر آر آر سی ورما، سائنسدان ڈاکٹر اویناش کمار رائے، ڈاکٹر ایس کے ششانک شیکھر اور ضلع غازی پور کے ڈپٹی ڈائریکٹر زراعت شری اتیندرا سنگھ بھی موجود تھے۔زرعی سائنس مرکز انکش پور کے سائنسدانوں نے بتایا کہ کیلے کی G-9 قسم کی کاشت پر ایک لاکھ روپے لاگت آتی ہے۔ ایک ایکڑ اور خالص منافع 4 لاکھ روپے ہے اس قسم کی سب سے بڑی خصوصیت یہ ہے کہ یہ پانامہ ولٹ بیماری کا کم شکار ہے، کیلے کی یہ قسم لیب میں اگائی جاتی ہے یہ کیلا 11 ماہ میں تیار ہو جاتا ہے۔

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