आजमगढ़:मार्टिनगंज तहसील क्षेत्र के सिकरौर गांव में बढ़ता पेय जल संकट
रिपोर्ट:शिवम सिंह
मार्टिनगंज/आजमगढ़:मार्टीनगंज तहसील अंतर्गत मार्टिनगंज तहसील क्षेत्र के सिकरौर सहबरी गांव जहा गर्मी के मौसम में ऐसे जब तापमान लगभग 40c.डिग्री हो गया है और गांव के ताल तलैया सूख गए हैं तब निराश्रित बेसहारा पशु पक्षी और जंगली जानवरों को पीने के पानी के लाले पड़ गए है पीने के पानी के अभाव में ये बेसहारा निराश्रित पशु पक्षी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं और तो और गांव स्थित तमाम हैंड पम्प वाटर लेवल नीचे होने के कारण पानी छोड़ दे रहे हैं काफी मशक्कत और कड़ी मेहनत से हैंड पम्प से पानी निकल रहा है।यह एक विकट समस्या है जिससे हर ग्राम वासी जूझ रहा है। जल जीवन मिशन के तहत गांव में लगी हुई पानी की टंकी तो बनकर तैयार हो गई है लेकिन अभी पाईप बिछाने का काम आधा अधूरा है। पेय जल संकट को लेकर गांव के परशुराम विश्वकर्मा का कहना है कि जब से गांव के जलासयों का मत्स्य पालन हेतु पट्टा हो गया है तब से पट्टाधारक लोग जलासयों का उपयोग अपनें ढ़ंग से कर रहें है तथा प्राय लोग मछली पकड़ने के लिए जलासयों को सूखा दे रहें हैं जिससे बे वक्त वाटर लेवल नीचे चला जा रहा है और हैंड पम्प पानी छोड़ दे रहे हैं और पेय जल संकट पैदा हो गया है।गांव के ही अजय सिंह का कहना है कि सरकार को मत्स्य पालन पट्टा करते समय पट्टाधारकों से यह सुनिश्चित करा लेना चाहिए कि हम जलाशय को सुखाएंगे नहीं। तभी इस समस्या से छुटकारा मिल सकेगा। ग्रामवासी प्रदीप गुप्ता ने बढ़ते जल संकट पर चिंता ब्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार को आबादी के बीच व गांव के आस पास पोखरी तालाबों के मत्स्य पट्टा पर रोक लगा देनी चाहिए तभी पोखरीयों को सूखने से बचाया जा सकेगा। इसी गांव के पहाड़ी सोनी ने कहा कि सरकार को जल संचित करनें के लिए गांव गांव योजनाओं को लागू करना चाहिए तथा वाटर हार्वेस्टिंग करनें वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए। अगर इसी तरह से वाटर लेवल नीचे गिरता गया तो जल संकट विकराल रूप धारण कर लेगा। अन्य दर्जनों लोगों ने कहा की वाटर लेबर नीचे जाने से खेत में फसलों की सिंचाई करना मुश्किल हो गया सरकार व शासन प्रशासन को जल संरक्षण के लिए जल्द लेना चाहिए कोई एक्शन वरना पशु पक्षियों की तरह प्यासे मरना पड़ेगा।