कर्नाटक : उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने 10वीं कक्षा की टॉपर छात्रा को किया सम्मानित

Karnataka: Deputy Chief Minister Shiv Kumar honors Class 10 topper

कर्नाटक में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाली लड़की अंकिता बसप्पा कोन्नूर को उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने सम्मानित किया। अंकिता ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए बने सरकारी आवासीय विद्यालय में पढ़ाई की है।

 

 

 

 

 

बेंगलुरु, 14 मई । कर्नाटक में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाली लड़की अंकिता बसप्पा कोन्नूर को उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने सम्मानित किया। अंकिता ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए बने सरकारी आवासीय विद्यालय में पढ़ाई की है।

 

 

 

 

 

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने मंगलवार को बेंगलुरु के सदाशिवनगर स्थित अपने आवास पर अंकिता, उसके स्कूल प्रिंसिपल और माता-पिता को गुलदस्ते और शॉल देकर सम्मानित किया।

 

 

 

 

उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने अंकिता को 5 लाख रुपये का चेक सौंपा। उन्होंने तीसरी रैंक हासिल करने वाले मांड्या के नवनीत को भी सम्मानित किया और 2 लाख रुपये का चेक दिया।

 

 

 

 

समारोह के बाद उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा, “यह जानकर मुझे खुशी हुई और गर्व महसूस हुआ कि सरकारी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली और बागलकोट के बसवराजू की बेटी अंकिता ने 10वीं कक्षा में कुल 625 अंकों में से 625 अंक हासिल करके प्रथम स्थान हासिल किया।

 

 

 

 

 

उन्‍होंने कहा, “हमारे सरकारी स्कूल और शिक्षक भी कुशल हैं। मैंने अंकिता से फोन पर बात की थी और उसे बेंगलुरु में अपने घर पर आमंत्रित किया था। वह आज आई । मैं सरकार की ओर से उसे और उसके माता-पिता को बधाई देता हूं।“

 

 

 

 

 

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “मैं कहता रहा हूं कि भले ही मैं राजनीतिक क्षेत्र में हूं, लेकिन मेरी रुचि शिक्षा क्षेत्र में है। मेरा उद्देश्य कर्नाटक में तालुक स्तर पर सरकारी स्कूलों को विश्‍वस्तरीय पब्लिक स्कूलों में बदलना है।”

 

 

 

 

 

शिवकुमार ने कहा, “सरकारी धन पर भरोसा किए बिना सीएसआर फंड का उपयोग करके इन स्कूलों का निर्माण करने के लिए हमारी योजना तैयार है। आदर्श आचार संहिता हटने के बाद इन स्‍कूलों के निर्माण के लिए मैं बैठक बुलाऊंगा। रामनगर में ऐसे 20 स्कूलों का निर्माण शुरू हो चुका है। हमारा उद्देश्य ग्रामीण छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंचने का अवसर प्रदान करना है।”

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