अकीदत और एहतराम से मनाया गया ईद-उल-अज़हा का त्योहार, दुआओं में उठे लाखों हाथ
रिपोर्ट अशरफ संजरी
भदोही।कालीन नगरी भदोही में सोमवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व पूरे अकीदत के साथ मनाया गया। आज सुबह भदोही की सभी ईद गाह और भदोही की कुछ मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा की गई। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी। नमाज के लिए लोगों मे सवेरे से ही मस्जिद में आना शुरू कर दिया था।
लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर पर्व की मुबारकबाद दी। उसके बाद घरों में पहुंचकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जायज जानवरों की कुर्बानी दी। एक-दूसरे के घरों में शीरनी बांटे गए। पर्व के मद्देनजर ईदगाहों व मस्जिदों के बाहर पुलिस के जवानों की तैनाती रही।
ईद के कारण आसपास का इलाका और बाजार गुलजार दिखायी दे रहा है। मुस्लिम समाज के घरों में पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पर्व की खुशियां मना रहे हैं।
क्यों मनाया जाता है ईद-अल-अजहा?
ईद अल-अजहा या बकरीद एक इस्लामी पवित्र त्योहार है। इसे ‘बलिदान का त्योहार’ भी कहा जाता है, यह इस्लामी या चंद्र कैलेंडर के 12वें महीने धू अल-हिज्जा के 10वें दिन मनाया जाता है। यह वार्षिक हज यात्रा के अंत का प्रतीक है। यह पैगंबर अब्राहम की अल्लाह के लिए सब कुछ बलिदान करने की इच्छा की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व पर इस्लाम धर्म के लोग साफ-पाक होकर नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ते हैं और उसके बाद कुर्बानी देते हैं।