अमर है भाई बहन का प्यार ए रक्षा बंधन का त्योहार

आयशा खान हेड मास्टर कम्पोजिट विद्यालय रानी सराय आजमगढ़

रिपोर्ट:रोशन लाल

रक्षा बंधन के संदर्भ में कही ये रचना प्रस्तुत है

बहन को देख के दिल को मेरे करार मिला
मसररतों का खजाना भी GV बेशुमार मिला

झगड़ना रूठना उसको मनाने का मौका
बहन के साथ हमेशा ही शानदार मिला

किसी भी तौर से जब भी हुआ मैं अफसुरदा
बहन का फिक्र से दिल मुझ्को बेक़रार मिला

बहन को रखना सलामत हमेशा ही मौला
रहे हयात में खुशियों को हमकिनार मिला

चली वो जाएगी ससुराल छोड़ के बाबुल
इसी ही बात का गम दिल को बार बार मिला

ये रिश्ता भाई बहन का बहुत है पाकीज़ा
वो खुशनसीब है जिसको बहन का प्यार मिला

ग़मों का दौर हो ख़ुशियों का कोई भो आलम
बहन का साथ मिला ख़ूब एतबार मिला

वो सीता सलमा हो सूजी हो या कोई लाडो
बहन तो होती बहन है सभी का प्यार मिला

ये बहनें रखती उमीदें हैँ भाईयों से बहुत
तू अपनी ज़ीस्त में ता उम्र एतबार मिला

उसी के दम से मोअत्तर है सारा मन्ज़र ही
खुदा का शुक्र है ऐसा मुझे दयार मिला

बहुत ज़रूरी है पर्दा निगाहों का
तू ज़हनो दिल में सदा ऐसे ही विचार मिला ।

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