चुनावी रैलियों से जनता को हुई परेशानी से मिला छुटकारा

Bhiwandi - The people of Bhiwandi have to face a lot of trouble due to the rallies held for the election campaign in the last round of the assembly elections. Because of the confluence of two assemblies in Bhiwandi city, all the rallies were held to satisfy the voters in the city. The rallies seemed to have taken over the entire city. This crowd of motorcycle rallies and processions disrupts the traffic and disrupts the daily activities of the city dwellers. The speeding of the vehicles and the shouts of the rallies were accompanied by the speeding motorbikes ringing the alarm bells. These supporters who filled the streets openly violating the traffic rules became a nuisance to the public.Kshamah Vikas Aghadi Congress candidate, Samajwadi Party's motorcycle rally, Independent candidate's rally and actor-politician Ravi Kishan's road show in support of BJP. Bhiwandi has created a disaster on the roads. On the one hand, the rallying atmosphere heated up the election atmosphere

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी

भिवंडी – विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर में चुनाव प्रचार के लिये निकाली गई रैलियों से भिवंडी की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पडा। क्यों कि भिवंडी शहर मे दो विधानसभाओं का संगम होने के कारण सारी रैलियां शहरके अंदर मतदाताओं को रिझाने में लगी हुई थी। रैलियों कने मानो पूरे शहर पर अपना कब्जा कर लिया था। मोटरसाइकिल रैलियों और जुलूसों की इस भीड़ नें यातायात बाधित करते हुए शहरवासियों के रोजमर्रा के कार्यों के अलावां व्यापार को भी बाधित किया।शहर की सड़के पहले से ही बीमारी हालत में हैं। वाहनो की गति कम होने से और रैलियों की चिल्लाहट के साथ दौड़ती मोटरसाइकिलें हमेंशा खतरे की घंटी बजा रही थी। यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए सड़कों पर फर्राटे भरने वाले यह समर्थक जनता के लिए मुसीबत बन गए।क्षमहाविकास आघाड़ी कांग्रेस के उम्मीदवार, समाजवादी पार्टी की मोटरसाइकिल रैली, निर्दलीय उम्मीदवार की रैली और भाजपा के समर्थन में उतरे अभिनेता राजनेता रवि किशन के रोड शो ने भिवंडी की सड़कों पर जैसे आफत मचा दी है। जहां एक ओर रैलियों की धूम ने चुनावी माहौल को गर्मा दिया, वहीं दूसरी ओर आम जनता के लिए यह किसी आफत से कम नहीं था। रैलियों के कारण जगह-जगह जाम लग गए, जिससे स्कूली बच्चों, ऑफिस जाने वालों और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इन रैलियों के दौरान पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी साफ नजर आई। सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण की कोई पुख्ता व्यवस्था न होने के कारण शहर की स्थिति बदतर हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चुनावी प्रचार के नाम पर जनता की सुरक्षा को यूं ही नजरअंदाज किया जाता रहेगा?. भिवंडी के नागरिकों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि ऐसे अराजकता फैलाने वाले प्रचारों पर रोक लगाई जाए। जनता का कहना है कि चुनाव प्रचार अपने स्थान पर हो, लेकिन यह नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा की कीमत पर नहीं होना चाहिए।राजनीतिक दलों के लिए जनता का भरोसा जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या यह तरीका सही है? इस चुनावी मौसम में यह सवाल हर नागरिक के मन में गूंज रहा है।

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