पहली बार सुल्तानपुर की जनसभा में नजर आए वरुण गांधी, मां मेनका के समर्थन में मांगे वोट, हुए भावुक

Varun Gandhi appeared in a public meeting in Sultanpur for the first time, asked for votes in support of Maa Menaka, was emotional

नई दिल्ली, 23 मई ; भाजपा नेता वरुण गांधी गुरुवार को सुल्तानपुर से भाजपा प्रत्याशी अपनी मां मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे। टिकट कटने के बाद पहली बार वह किसी मंच पर नजर आए। इस दौरान वरुण गांधी काफी भावुक भी दिखाई दिए।

 

 

वरुण गांधी ने नुक्कड़ सभा में मंच से संबोधित करते हुए कहा, “यहां मैं हमेशा कहता हूं कि हम लोग नेता के नहीं, बल्कि बेटे के रूप में आए हैं। यह हम लोगों की कर्मभूमि है, यह लोग हमारा परिवार हैं और हमको इस मिट्टी से प्यार है, जितने लोग हैं, ये सब परिवार हैं। सबके बच्चे फले-फूलें, सबके सपने पूरे हों, सब लोगों की विजय हो, यही मेरा सपना है।”

 

 

 

लोगों से भावनात्मक होते हुए वरुण ने कहा कि जब मैं पहली बार सुल्तानपुर आया था तो मुझे अपने पिताजी की खुशबू मिली थी, लेकिन, आज मुझे कहने में गर्व महसूस हो रहा है कि आज मैं अपनी मातृभूमि में आ गया हूं। मैं यहां मौजूद सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि कोई भी संकट में आए, किसी के परिवार में कोई बीमार हो या कोई भी दिक्कत में आए, कोई भी अकेले नहीं होना चाहिए।

 

 

 

 

इस दौरान वरुण गांधी ने सभा में सभी को अपना मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि मैं आपको एक सुरक्षा कवच दे रहा हूं। जिनके पास माताजी का नंबर है, वो और भी बड़ा सुरक्षा कवच है, अगर कोई भी दिक्कत आए तो अधिकार स्वरूप मेरे से सीधा बात करें और अपनी समस्या मुझे बताएं।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि सब लोग जो हमारा परिवार हैं, जो आपके मान-सम्मान से सीधे जुड़ें हैं, उसको आप मजबूत करिए। मेरा भरोसा है कि इस बार आप लोग सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं।

 

 

 

 

वरुण गांधी ने मां मेनका गांधी के सपोर्ट में वोट मांगते हुए कहा कि पूरे देश में 543 स्थानों पर चुनाव हो रहे हैं। कई जगह बड़े-बड़े अनुभवी और करिश्माई लोग चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन, पूरे देश में एक ही ऐसा क्षेत्र है जहां की सांसद को लोग ना सांसद जी, मंत्री जी और ना नाम बुलाते हैं, बल्कि, माता जी कहकर बुलाते हैं। मां के अंदर परमात्मा के बराबर शक्ति होती है, पूरी दुनिया साथ छोड़ देती है, लेकिन, मां कभी साथ नहीं छोड़ती। आज मैं केवल अपनी मां के लिए समर्थन जुटाने नहीं आया हूं, बल्कि सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन मांगने आया हूं।

 

 

 

 

वरुण ने कहा कि मां की जो परिभाषा होती है, वो सबकी रक्षा करे, भेदभाव न करे, जो मुश्किलों में काम आए और जो निरंतर अपने हृदय में सबके लिए प्यार रखे। मां की डांट भी आशीर्वाद है। देश में जब सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है तो प्रथम पंक्ति में मुख्यधारा में सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है।

 

 

 

 

अपने संबोधन के दौरान वरुण गांधी ने कहा, “सुल्तानपुर वालों के अंदर काबिलियत, साहस, प्रतिभा और स्वाभिमान की कोई कमी नही। यहां के लिए एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो लोगों को अपना परिवार माने। परिवार का मतलब हर वार (संघर्ष) में जो साथ दे, वो परिवार होता है। हम लोग एक खून के रिश्ते का वायदा करते हैं कि सुल्तानपुर का कोई व्यक्ति कभी अकेला नहीं होगा। जैसे पीलीभीत में सबके पास वरुण गांधी का नंबर है। वैसे ही मैंने अपनी मां को देखा है रात के 11-12 बजे किसी का भी फोन आता है तो फोन उठाकर सबकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करती हैं। उनके अंदर ना अहंकार है, ना उन्होंने किसी का नुकसान किया, ना कभी गांव में झगड़ा किया। यहां बैठे सब लोगों का मेरे परिवार के ऊपर अधिकार है। हमसे कोई अलग नहीं है, सुल्तानपुर के किसी भी एक व्यक्ति से कोई दुश्मनी नहीं है, हमारे सामने भी जो चुनाव लड़ रहे हैं, अगर बाद में वो भी बीमार पड़ें तो सबसे पहले हम उनकी मदद करेंगे।”

 

 

 

 

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पीलीभीत से मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर भाजपा ने जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है।

 

 

 

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