भारत स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को बढ़ावा देगा, अरबों डॉलर की योजना शुरू हो सकती है
Buoyed by strong local manufacturing of electronics products, especially mobile phones, the Indian government is planning to provide billions of dollars in incentives to domestic companies in the country. According to reports quoting government sources, the upcoming plan will include critical components for devices such as laptops. It can provide incentives for manufacturing such as printed circuit boards. It is also likely to promote local supply chains. This initiative will establish India as a major player in the global electronics market as global manufacturing giants aim to shift operations from China. It aspires to reach $500 billion in electronics manufacturing and create 6 million job opportunities. According to the India Cellular and Electronics Association (ICEA), the electronics industry is currently worth around 115 billion. Dollar key and the global value chain will be important to boost manufacturing and exports from the country. The electronics industry needs a compound annual growth rate (CAGR) of more than 20 percent to achieve the target of $500 billion by FY 2030. Apple is leading the country's electronics manufacturing development story. India is breaking all previous records in terms of local mobile manufacturing, so tech giant Apple is expected to surpass the export figures from India in FY2024. 60,000 crore in iPhone exports. According to industry data, during the April-October period,
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट खासकर मोबाइल फोन की मजबूत लोकल मैन्युफैक्चरिंग से उत्साहित भारत सरकार देश की घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देते हुए अरबों डॉलर का प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है।सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट के अनुसार, आगामी योजना लैपटॉप जैसे डिवाइस के लिए क्रिटिकल कंपोनेंट जैसे प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर सकती है। इसी के साथ लोकल सप्लाई चेन को बढ़ावा दिए जाने की संभावना है।यह पहल भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में एक बड़े प्लेयर रूप में स्थापित करेगी, क्योंकि वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज चीन से परिचालन को हटाने का लक्ष्य बना रहे हैं।देश वित्त वर्ष 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और 60 लाख नौकरियों के अवसर लाने तक पहुंचने की आकांक्षा रखता है।भारत सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री वर्तमान में लगभग 115 बिलियन डॉलर की है और ग्लोबल वैल्यू चेन देश से उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होंगी।वित्त वर्ष 2030 तक 500 बिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को 20 प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) की जरूरत है।देश की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग विकास कहानी का नेतृत्व एप्पल कर रहा है। भारत लोकल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ रहा है, इसलिए टेक दिग्गज एप्पल भारत से निर्यात के वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों को पार करने की राह पर है।एक नए रिकॉर्ड में एप्पल चालू वित्त वर्ष के दौरान पहले सात महीनों में भारत से आईफोन निर्यात में लगभग 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में, क्यूपर्टिनो स्थित टेक दिग्गज ने लगभग 60,000 करोड़ रुपये (7 बिलियन डॉलर से अधिक) मूल्य के आईफोन निर्यात किए, जो चालू वित्त वर्ष में हर महीने लगभग 8,450 करोड़ रुपये (लगभग 1 बिलियन डॉलर) मूल्य के निर्यात के बराबर है।वित्त वर्ष 2024 में, एप्पल ने 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन निर्यात किए और इस वित्त वर्ष में, प्रौद्योगिकी दिग्गज ने पांच महीने पहले ही उस आंकड़े का 70 प्रतिशत हासिल कर लिया है।एप्पल सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई योजनाओं के दम पर एक नया निर्यात रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है।एप्पल ने पिछले वित्त वर्ष में भारत में 14 बिलियन डॉलर के आईफोन का मैन्युफैक्चर और एसेंबल किया और 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के डिवाइस का निर्यात किया।