यूपी उपचुनाव में सपा ने सात सीटें जीतीं, लेकिन प्रशासन ने सर्टिफिकेट किसी और को दे दिया: अखिलेश यादव

SP won seven seats in UP by-elections, but administration gave certificate to someone else: Akhilesh Yadav

अंबेडकरनगर: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को अंबेडकरनगर में पत्रकारों से बात करते हुए यूपी उपचुनाव के परिणाम, संभल की हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा।अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि इस उपचुनाव में आप लोगों ने हमें जो कोचिंग दी है उसके लिए मैं भारतीय जनता पार्टी को धन्यवाद देता हूं। प्रशासन को आगे करके बेईमानी की गई है। लाभ देने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया? सुनने में यह भी आया है कि एनटीपीसी, उनके सीएसआर से स्कूटी दी गई। प्राइवेट कंपनियों पर दवाब बनाकर उनके सीएसआर का इस्तेमाल कर करके सिलाई मशीन दी गई।इसके अलावा सपा नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी दो सीटें बड़ी मुश्किल से जीत रही थी। सातों की सातों सीटें समाजवादी पार्टी जीती है, लेकिन प्रशासन ने सर्टिफिकेट किसी और को दिया है।संभल की घटना पर उन्होंने कहा कि जो संभल में हुआ है वो हुआ नहीं है कराया गया है। अगर पूरा घटनाक्रम आप देखेंगे, पहले तो 19 नवंबर को फैसला सुनवाया कि शाही जामा मस्जिद का सर्वे होगा। जब पहला सर्वे हुआ था संभल के लोगों या किसी भी मुस्लिम पक्ष को कोई आपत्ति नहीं थी। पूरा सर्वे शांति से हुआ था। इसके बाद पता नहीं क्यों दोबारा सर्वे करने का फैसला लिया गया।दोबारा सर्वे के लिए प्रशासन के लोगों को वहां के जिम्मेदार लोगों से बात करनी चाहिए थी। लेकिन बातचीत नहीं की गई। दोबारा जो सर्वे टीम गई थी। क्या उसमें भाजपा के कार्यकर्ता नहीं गए थे। सच्चाई तो यही है, जो प्रशासन छिपा रहा है। जितने लोग सर्वे में गए थे पीछे से नारे लगाते जा रहे थे। जो नारे लगाने वाले थे उन पर कार्रवाई नहीं की गई। क्या नारे लगाने वालों पर मुकदमे दर्ज हुआ? सर्वे टीम के साथ क्या भाजपा के कार्यकर्ता नहीं थे? इस बात को लेकर क्या प्रशासन की आंख बंद है।उन्होंने आगे कहा कि पीजीआई, लखनऊ में लोहिया इंस्टीट्यूट, सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में नौकरी राजस्थान के लोगों को नौकरी मिली है। राजस्थान के उन लोगों को बैठाया जिन पर प्रश्न लगता है। ये क्या वजह है वहां पर सब राजस्थान के अधिकारी देख रहे हैं। बाहर से लाए हुए अस्थायी अधिकारी जो विस्तार पर रह रहे हैं उनसे कानून व्यवस्था संभाली जा रही है। ये गंभीर बात है। मुझे उम्मीद है कि इन सब घटनाओं पर खुद संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट देखेगा।

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