पटना: सोनपुर मेले में नौटंकी कंपनियों को मिली इजाजत, कारोबारी परेशान

Patna: Gimmicky companies got permission in Sonepur Mela, traders are worried

हाजीपुर: बिहार में गंगा-गंडक नदी के संगम पर विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक सोनपुर मेला में भीड़ बढ़ती जा रही है। खास बात यह है कि समय-समय पर इसमें बदलाव होता रहा।

 

कहने को तो यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। लेकिन, यहां आने वाले सैलानियों का आकर्षण अब नौटंकी कंपनियों के कार्यक्रम होते हैं। पौराणिक स्थल हरिहर नाथ मंदिर के निकट प्रत्येक वर्ष लगने वाले इस मेले में देश-विदेश के श्रद्धालु तथा पर्यटकों का आगमन होता है।

 

सारण जिला प्रशासन ने मेला उद्घाटन के पांच दिन बाद नौटंकी कंपनियों को कार्यक्रम पेश करने की अनुमति दी है। अनुमति मिलने के बाद अब मेले में जहां रौनक बढ़ने की उम्मीद है, वहीं व्यापारियों में भी उम्मीद बढ़ी है।

 

पहले इस मेले में आने वाले दूर-दराज के लोगों के रात में मनोरंजन के लिए गीत और संगीत का कार्यक्रम होता था। बाद में इसकी जगह नौटंकी ने ले लिया। अब तो नौटंकी (थियेटर) इस मेले की पहचान हो गई है। मेले में पहुंचने वाले कारोबारियों का कहना है कि नौटंकी की वजह से ही उनकी दुकान चलती है। जब मेले में हाथी, घोड़े की खरीद-बिक्री होती थी, तब लोग हाथी और घोड़ा देखने मेले में आते थे। अब, इस परंपरा का मात्र निर्वहन किया जाता है।

 

इस साल भी अब तक एक हाथी नहीं आया है, लेकिन कुछ घोड़ा लाए गए हैं। बताया गया कि इस साल छह नौटंकी कंपनियों को लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है। नौटंकी देखने के लिए पटना से लोग भी यहां पहुंचते हैं। लोगों की भीड़ जब आती है तो मेले के दुकानों की बिक्री बढ़ जाती है। लोग कहते हैं कि मेले में रात को भी भीड़ लग जाती है।

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