विपक्षी सांसदों ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर लोकसभा में ली शपथ

Opposition MPs took oath in Lok Sabha with copy of Constitution in hand

 

 

 

नई दिल्ली, 24 जून: कांग्रेस के कुछ सांसदों ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर लोकसभा में संसद सदस्यता की शपथ ली। अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने हाथ में संविधान की कॉपी लेकर शपथ ली। रकीबुल हुसैन जो कि असम की धुबरी से चुने गए हैं, उन्होंने भी लोकसभा सदस्य की शपथ लेते समय हाथ में संविधान की कॉपी पकड़ी हुई थी।

 

 

 

 

 

 

इसी तरह झारखंड की लोहरदगा सीट से कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने भी हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ ली। कांग्रेस के कई अन्य सांसदों ने सोमवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा, रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा शामिल रहे।

 

 

 

 

 

 

18वीं लोकसभा के पहले सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं। यह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है, हम ऐसा होने नहीं देंगे। इसीलिए हमने शपथ लेते हुए संविधान को पकड़ा है। संदेश जा रहा है। हिंदुस्‍तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती।

 

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का मजबूत विपक्ष अपना दबाव जारी रखेगा, लोगों की आवाज उठाएगा और प्रधानमंत्री को बिना जवाबदेही बचकर निकलने नहीं देगा।

 

 

 

 

 

 

गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन के कई सांसदों ने सोमवार को संसद परिसर में संविधान की प्रति के साथ प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके समेत इंडिया गठबंधन के विभिन्न दल शामिल रहे। इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व अन्य विपक्षी नेताओं ने ‘संविधान की रक्षा हम करेंगे’ व ‘लोकतंत्र ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए।

 

 

 

 

 

 

सदन का नेता होने के नाते सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ दिलाई गई। प्रधानमंत्री के उपरांत कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश का नाम पुकारा गया। लेकिन, वह सदन में मौजूद नहीं थे। सुरेश आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसी के चलते उन्हें प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए भी नियुक्त किया गया है। प्रोटेम स्पीकर की अनुपस्थिति में सुरेश को नए सांसदों को शपथ दिलानी थी।

 

 

 

 

 

 

हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति में सुरेश की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया गया।

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