भदोही:इधर- उधर भटकने के बजाए कुरआन से रिश्ता जोड़ना चाहिए- सैयद अमीनुल कादरी
मदरसा शम्सिया तेगिया के सालाना दस्तारे फरागत में उमड़ा जनसैलाब
रिपोर्ट: अशरफ संजरी
भदोही। नगर के मोहल्ला मर्यादपट्टी स्थित रौजा कुतुब मीर सैयद उबैदुल्लाह शाह रह. के आस्ताने के पास मदरसा जामिया शम्सिया तेगिया का 45 वां सालाना जश्ने दस्तारे फरागत का आयोजन बीती रात किया गया। वहीं फ़ैयाज़ भदोहवी, मकबूल, नेहाल हबीबी, दानिश रजा, हाफिज गुलाम मुस्तफ़ा हबीबी ने भी नाते नबी गुनगुनाये। मेम्बरे नूर पे जलवाबार सितारों की मानिंद टिमटिमा रहे आलिम कारी व हुफ़्फ़ाजो को जुब्ब-ए-दस्तार की सनद आलिमे दीन के दस्ते मुबारक से आता कि गई। फारेगीन उल्मा में मौलाना अम्मार रजा गढ़वा, मौलाना आसिफ रजा, मौलाना उम्र नूरानी, मौलाना असजद रजा, मौलाना इरफान रजा, मौलाना हसनैन रजा आदि कारी-ए-कुरान कारी कौकब रजा, कारी इमरान रजा, कारी मो. इस्माइल, कारी मो. अफसर, कारी कैस रजा, कारी मो. तौहीद आलम , कारी अबरार अहमद, कारी गुलाम साबिर,कारी अबरेज अशरफी तथा हफ़्फ़ाज-ए-कराम हाफिज मो. शअबान, हाफिज मो. एहसान, हाफिज मो. इस्माइल, हाफिज मो. नवाब अली, हाफिज मो. कैफ जाबिर, हाफिज मो. साहिल, हाफिज गुलाम साबिर को औलादे अली, शहज़ाद-ए-गौसे आज़म हज़रत अल्लामा व मौलाना सैयद अमीनुल कादरी माले गांव ने अपने दस्ते मुबारक से सनद व जुब्ब-ए- दस्तार आता की। इस हसीन और पुर कैफ मंजर को देख लोग रश्क कर रहे थे तो वहीं फारेगीन उल्मा-ए-कराम कारी-ए-कुरान व हुफ्फाज-ए-कराम के मां बाप तथा घर वालो के आंखों में खुशी के आंसू छलक रहे थे। लोग उन्हें दुआओं से नवाज रहे थे। मेम्बरे नूर पे जलवाबार औलादे अली हजरत अल्लामा व मौलाना सैयद अमीनुल कादरी ने कहा मदरसे के असतजा कराम की कड़ी मेहनतों का नतीजा है कि इन्ही मदरसों से फारिग हुए आलिमो के जरिये पूरी कायनात में सुन्नते खैरुल अनाम सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम फैलाई जा रही है। अमन का परचम बुलंद किया जा रहा है। मौलाना ने कहा बड़े ही खुश नसीब वो मां बाप है जिन्होंने अपने बच्चों को दीन के सांचे में ढालने का काम किया। अल्लाह मैदाने महशर में ऐसे मां बाप के सरो पर चमकता हुआ ताज रखेगा जो पहचान लिए जाएंगे कि यही वो खुश नसीब मां बाप है जिन्होंने दुनिया मे अपने औलाद को हाफिजे कुरान बनाया जिन्होंने कारी-ए-कुरान बनाया जिन्होंने आलिमे दीन बनाया और वे दुनिया वालो को अल्लाह और अल्लाह के रसूल की बताई हुई बातो को लोगो तक पहुंचाया।मौलाना ने कहा कुरान को पढ़ो कुरान में शिफा है और मोमिनो के लिए रहमत है तो वहीं जालिमो के लिए खसारा है। कहा आज से 14 सौ साल पहले का जमाना देखो जब अरब के बोरिया नशीं जो बकरियां चराते थे जब उन्होंने कुरआन को थामा, कुरआन को पढा तो अल्लाह ने कुरआन की बरकत से कैसरो कुसरा का ताजदार बना दिया। आज मुसलमान सब की किताब पढ़ता है, सब के करीब आना चाहता है लेकिन क़ुरआन नही पढ़ना चाहता अपने रब के करीब आना नही चाहता कितना नादान है मुसलमान कुरआन को नही देख रहा है। आज मुसलमान पूरी दुनिया मे परेशानेहाल है, रोटी के टुकड़ों के लिए तरस रहा है ज़िल्लतो रुसवाई बेकारी में मुब्तेला है जिसकी वजह मुसलमान कुरआन को पढ़ना छोड़ दिया है कुरआन को साइन से लगाना छोड़ दिया है। कुरआन को पढ़ो सारी मुश्किलें हल हो जाएंगी। कुरआन के पढ़ने से अल्लाह मौत की सख्ती को आसान कर देता है। कुरआन पढ़ने से ज़िंदगी आसान हो जाया करती है। तुम कुरआन को पढ़ोगे तो दुश्मन तुम्हारे ऊपर गालिब नही हो पायेगा। आज पूरी दुनिया कुरआन पढ़ कर मुसलमान हो रही है। आज हमारी कौम तालीम के मामले में बहोत पीछे हो गई है। मौलाना हाफिजो कारी मआज़ अंसारी ने मदरसा के असातजा व मदरसा के उरुजियत में भदोही की अवाम ने जो खिदमत की उनका शुक्रिया अदा किया। मेम्बरे नूर पे जलवाबार सदरुल मुदर्रेसिन जामिया हेजा मौलाना फैसल अशर्फी व मदरसा के मैनेजर डॉ. अजहर आसिफ अंसारी को आये हुए सामईन ने उनके मेहनतों और नेक इरादों को सराहा तो वहीं उन लोगो ने आये हुए मेहमानों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर मौलाना महफूज आलम, मौलाना मआज़ अंसारी, जमील अंसारी (नेता), हाजी अहमद अंसारी, हाजी अनीस अंसारी, डॉ. अफरोज आलम, हारून खां, आज़म खां, अरसलान खां, अमजद खां, प्रमुख रहे तो मदरसे के खैरख़्वाह आराकिने जलसा नुरैन खां मोहर्रम खां खुर्शीद खान बेलाल खान शहजादे खां, शेरू खां आदि लोगो ने सामईन की खिदमत में लगे रहे।