मुकद्दस सफर-ए-उमरा के लिए जायरीन हुए रवाना

फूल माला पहनाकर पुरन: आंखें से लोगों ने किया रुखसत 

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। नगर के चकदीवानगान (पश्चिम तरफ) निवासी समाजसेवी तौकीर हयात खां गुरुवार को अपनी अहलिया के साथ मुकद्दस सफर-ए-उमरा के लिए रवाना हुए। “रोएगा जब उम्मती खैरुल वरा के सामने, आक़ा मैं शर्मसार हूं अपने खता के सामने’ कुछ इस तरह के अशआर को पढ़कर लोगों ने जायरीनों को उमरा के लिए रवाना किया।

इस दौरान मेहमान-ए-रसूल से मुलाकात करने के लिए सुबह के समय उनके घर में रिश्तेदार, दोस्त व आस-पास के लोग पहुंचे। मुलाकात करने वाले लोगों ने जायरीनों को फूलों का हार और गुलदस्ता देकर उनसे गले मिलें। उमरा के दौरान अपने तथा अपने परिवार के लोगों के लिए दुआ करने की दरख्वास्त की। उसके बाद सभी ने पुरन:आंखों से दयारे हबीब स.के लिए उनको रुखसत किया गया। इस दौरान जायरीनों के सफर को आसान करने के लिए दुआ मांगी गई। जायरीनों को विदा करते समय “सुनहरी जाली मुबारक हो’ आदि नारे बुलंद किए गए। उमरा पर जाने वाले जायरीनों को वहां पर हर एक अरकान को पूरा किया जाएगा। 14 दिन में उमरा के अरकान को पूरी कर वें स्वदेश लौट जाएंगे। तौकीर हयात खां अपनी अहलिया के साथ कार से प्रयागराज के लिए रवाना हुए। वहां से वें ट्रेन से दिल्ली जाएंगे और हवाई जहाज से जद्दा के लिए रवाना होंगे।

इस मौके पर हाजी अनीस सिद्दिकी, हाजी असलम खां, हाजी हारुन अंसारी, हाजी आरआर कुरैशी, मुजीब अहमद खां, शमीम अहमद सिद्दीकी, शमीम राईन, इश्तियाक शाह लक्खू, नजीब अहमद खां, अब्दुल रहमान खां, मो.राशिद खां, मो.फिरोज खां, गुलाम सरवर खां, परवेज खां, साजिद खां, मो.हसन फिरोज व मो.हम्द फिरोज आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।

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